शनि के कुंभ राशि में प्रवेश के व्यापक व राशिगत प्रभाव

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*शनि के कुंभ राशि में प्रवेश के व्यापक व राशिगत प्रभाव*

*प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक शर्मा से जिला ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक्सक्लूसिव बातचीत*

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जब भी शनि ढाई वर्ष के लिए राशि परिवर्तन करते हैं तो ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास करने वाले सभी लोगों को यह जानने की काफी उत्सुकता रहती है कि शनि का यह राशि परिवर्तन उनके लिए कैसा होगा,उनकी राशि के लिए कैसा होगा। हर व्यक्ति की पत्रिका का फलित देना तो बिना सबकी पत्रिका देखे किसी भी ज्योतिषाचार्य के लिए संभव नहीं होता पर व्यापक प्रभाव व राशिगत प्रभाव को अवश्य जाना जा सकता है। तो इसी भाव से मैने प्रदेश के यशस्वी ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक शर्मा से मीडियावाला के लाखों पाठकों के लिए यह जानना चाहा। तो उन्होंने बताया कि 17 जनवरी,2023,मंगलवार को सायं 5 बजकर 4 मिनिट पर शनि जिनको कर्म फल दाता या न्यायाधीश भी कहते है के मकर राशि से निकलकर अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश कर चुके है। इस राशि में शनि ग्रह अपने गोचर के दौरान करीब 140 दिन तक वक्री अवस्था में रहेंगे। जबकि 33 दिनों तक अस्त रहेंगे। वक्री व अस्त के बीच के काल में देश दुनिया पर शनि का क्या असर होगा उसकी विस्तार से चर्चा आज हम उनसे हुई इस बातचीत नुमा लेख में कर रहे हैं-

*शनि गोचर कुंभ राशि में और केतु की दृष्टि*
शनि के इस राशि परिवर्तन के सामान्य व व्यापक प्रभाव क्या होंगे, मेरे इस सवाल के जवाब में पंडित शर्मा ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार 17 जनवरी से शनि का गोचर शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ मे अगले ढाई साल तक रहेगा। चूंकि कुंभ शनि की मूल त्रिकोण राशि है इसलिए यहां शनि का गोचर अपने शुभ फल देगा। लेकिन बीच बीच में अन्य ग्रहों से युति या दृष्टि से भी इस गोचर के फल बदलते रहेंगे। जैसे कि अभी वर्तमान समय में तुला राशि में गोचर कर रहे केतु का पूरा प्रभाव शनि पर आएगा। क्योकि नाड़ी ज्योतिष के अनुसार अभी शनि केतु निर्माण संबंध मे है जिससे केतू का पूरा प्रभाव शनि पर रहेगा। इसको एक तरह से शनि केतु की युति के फल की तरह भी देखऔर समझ सकते हैं। ज्योतिष अनुसार शनि कर्म का कारक है और केतु बाधा। इस नाते अगर किसी भी जन्म कुंडली में शनि केतु युति, त्रिकोण,या शनि केतु एक दूसरे के पड़ोसी भाव में हो तो ऐसे जातक को कर्म करने में बाधा आती है। लेकिन अगर आपकी जन्म कुंडली मे शनि या केतु दोनों में से कोई भी योगकारक है,जैसे वृषभ और तुला लग्न में शनि योगकारक होता है। ऐसे जातक को यह शनि केतु युति या त्रिकोण संबंध शुभ फल भी देता है। मेरे एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से ज्योतिष अनुसार शनि के फल 3,6,10,11 भाव में और केतु के फल 2,5,9,10,11,12 भाव में शुभ कहे गये हैं। किंतु यदि कुंडली में शनि केतु अशुभ हैं तो आपको वर्तमान समय में पैरों से जुड़े रोग, गुप्त रोग परेशान कर सकते हैं। दुकान या फैक्ट्री में बिजली उपकरण की खराबी की बजह से नुकसान हो सकता है, आपका कोई कीमती सामान चोरी या गुम हो सकता है।

*शनि के कुंभ में गोचर का बारह राशियों पर असर*
अब मैंने उनसे सर्वप्रथम शनि के इस राशि परिवर्तन का अलग अलग राशियों पर सामान्य प्रभाव पूछा क्योंकि ज्योतिष को मानने वाले प्रायः अधिकांश पाठकों की सर्वाधिक रुचि इसी में होती है। तब उन्होंने हर राशि पर जो प्रभाव बताया उसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर रहा हूं।

*मेष राशि* आत्म नियंत्रण रखें। परिवार की समस्यायों पर ध्यान देवें। घर परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में लाभ के अवसर मिल सकते हैं। उत्तराधिकारियों का सहयोग मिलेगा। नई जिम्मेदारी मिल सकती है। नौकरी में परिवर्तन संभव है। आय में वृद्धि होगी। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा।

*वृष राशि* मानसिक संतोष रहेगा। किसी मित्र के सहयोग से आय वृद्धि के साधन बन सकते हैं। घर की सुख सुविधाओं के विस्तार पर खर्च बढ़ सकते हैं। क्षणे रूष्टा,क्षणे तुष्टा के भाव मन मे रहेंगे। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते है। नौकरी में तरक्की के अवसर मिला सकते हैं। शैक्षिक कार्यो में कठिनाइयां आ सकती है।

*मिथुन राशि* संयत रहें। मन परेशान हो सकता है। नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती । परिश्रम अधिक रहेगा। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। आत्म – विश्वास से लबरेज रखेंगे। माता का सानिध्य एवं सहयोग मिलेगा। शैक्षिक कार्यो में व्यवधान आ सकते हैं। यात्रा के योग बन रहे हैं। *कर्क राशि* मन प्रसन्न रहेगा। बातचीत में संयत रहें। नौकरी में विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। यात्रा लाभप्रद रहेगी। वाहन सुख में वृद्धि होगी। कुछ पुराने मित्रों से संपर्क बन सकते हैं। किसी मित्र का आगमन हो सकता है। आाय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति हो सकती है। सुखद समाचार मिलेगा।

*सिंह राशि* मानसिक शांति के प्रयास करें। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में अफसरों से सद्भाव बनाए रखने का प्रयास करें। कार्य क्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है। स्थिति में कुछ सुधार होगा। किसी रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है। शैक्षिक कार्यों के सार्थक परिणाम मिलेंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा।
*कन्या राशि* आत्म-विश्वास भरपूर रहेगा। दांपत्य सुख में वृद्धि होगी। परिवार में सुख-शांति रहेगी। सुस्वादु खानपान में रुचि रहेगी।स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मान सम्मान मे बढ़ोतरी होगी। रहन सहन अव्यवस्थित हो सकता है। रोजमर्रा के कार्यों में व्यवधान आयेंगे। नौकरी में बदलाब की संभावना है।

*तुला राशि* शनि का गोचर शुभ रहने वाला है। छात्रों के लिए सकारात्मक समय दिखाई दे रहा है। नौकरी मे कई अच्छे पद प्राप्त होंगे। व्यापार में तरक्की मिलेगी। मनचाही नौकरी मिलने के आसार दिखाई देते हैं।

*वृश्चिक राशि* भवन, सुरख में वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन युमय रहेगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। सेहत का ध्यान रखें। धैर्य शीलता में कमी रहेगी। कुटुम्ब की किसी बुजुर्ग महिला से धनलाभ के योग बन रहे हैं। सेहत का ध्यान रखे। तनाव से बचें।

*धनु राशि* आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भागदौड़ अधिक रहेगी। अपनी भावनाओं को वश में रखें। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें।

*मकर राशि* संयत रहें। व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। किसी संपत्ति से धन की प्राप्ति हो सकती है। सेहत का ध्यान रखे। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। पिता से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।

*कुंभ राशि* वाणी में मधुरता रहेगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। कार्य क्षेत्र में बदलाव हो सकता है। परिश्रम अधिक रहेगा। यात्रा के योग बन रहे हैं। सेहत का ध्यान रखें। मन अशांत रहेगा। तरक्की के योग हैं।

*मीन राशि* मीन राशि वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण शुरू होगा। इस दौरान व्यापार में हानि होगी। अनावश्यक यात्रा करना पड़ सकता है। सेहत के मामले में सतर्क रहना होगा। क्रोध पर नियंत्रण करना होगा। राशिगत प्रभाव के बाद मैने जब पुनः उनसे राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर शनि के इस राशि परिवर्तन के व्यापक प्रभाव पूछे तो उन्होंने बताया कि शनि के कुंभ राशि में गोचर से विश्व में अशांति, टकराहट,चुनौती,भयाक्रांत की स्थितियां पैदा होगी। यहाँ तक कि शनि के प्रभाव से विश्व युद्ध की संभावनाएँ भी सामने आ सकती है। यह योग सभी राशियों के लोगों के पारिवारिक जीवन,वैवाहिक जीवन,व्यापार,नौकरी,भाग्य, लाभ-व्यय आदि को प्रभावित करेगा। अतः सभी को पारिवारिक या सार्वजनिक या व्यापारिक स्तर का कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच समझकर लेना चाहिए।

*व्यापारिक मंदी तेजी*
हमारे कई पाठक व्यापारी वर्ग से जुड़े हैं। अतः मैने उनसे शनि के इस राशि परिवर्तन का व्यापार में जींस विषयक प्रभाव भी जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि बीती 18 जनवरी को ही शनि धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण युक्त होकर कुंभ राशि में दाखिल होकर, मेष राशिस्थ राहु को प्रभावित करने लगा है। अतः रुई जौ, गेहूं, मोठ, चना, चावल, उड़द, मसूद बाजरा,ज्वार, तेल, तिलग्न, गुड़, शक्कर, चांदी सभी अनाज व शेयर बाजार भी व्यापक रूप से तेज रहेंगे। अन्य सामान्य व व्यापक प्रभावों की जानकारी व राशिगत स्तर से खराब प्रभावों से बचने के कुछ सरल उपाय उन्होंने अगली मुलाकात में बताने का कहा।
*विशेष* अंत में मैने उनसे पुनः राशिगत रूप से उन राशि के जातकों के विषय में संक्षिप्त रूप से जानना चाहा, जिनका जीवन इस राशि परिवर्तन से अधिक प्रभावित हो सकता है तो उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत पत्रिका में ग्रहों की स्थिति के अनुसार जरूरी नहीं कि जिस राशि के लिए शनि का यह राशि परिवर्तन खराब हो, उस राशि के हर व्यक्ति पर यह फलादेश लागू हो। फिर भी व्यापक रूप से कहा जाए तो शनि की इस साढ़ेसाती का प्रभाव वृष, तुला, मकर, कुंभ‌ वालों के लिए अच्छा, मेष, कर्क, सिंह,वृश्चिक राशि वालों के लिए खराब तथा अन्य राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।