
Conflict Over Transfers : तबादलों को लेकर मंत्रियों और अफसरों के बीच टकराव, 47 दिन में भी मंत्रियों की नाराजी दूर नहीं!
Bhopal : प्रदेश में तबादलों की समय-सीमा समाप्त होने के बाद अब मंत्रियों और अफसरों के बीच विवाद की चर्चा बाहर आने लगी है। कई विभागों में तबादला लिस्ट मंत्रियों और अफसरों के बीच उलझकर रह गया। प्रदेश सरकार ने इस बार 47 दिन तक तबादलों से प्रतिबंध हटाया। इस अवधि में ज्यादातर विभागों ने सूचियां जारी कर दी, लेकिन कुछ विभाग आखिरी समय तक सूची जारी करने की जद्दोजहद करते रहे। इस वजह से मंत्री और विभागीय अधिकारियों के बीच तकरार की स्थिति भी बनी।
तबादलों की लिस्ट से मंत्रियों के अलावा विधायक और कर्मचारी भी नाराज दिख रहे है। कई विभागों में तबादलों का आंकड़ा 2% तक ही रहा। तबादलों को लेकर मंत्री और अफसरों के बीच टकराव की स्थिति तब सामने आई जब 17 जून को कैबिनेट में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के सामने कहा कि अधिकारी मनमर्जी से तबादला कर रहे हैं। हालांकि, कैबिनेट में इस बात को आगे नहीं बढ़ाया गया।
अब अफसर आए मंत्रियों के निशाने पर
इसके बाद सामने आया कि जो मंत्री तबादलों को लेकर अफसरों पर अनसुनी का आरोप लगा रहे हैं, वे पहले ही सूची जारी करवा चुके हैं। लेकिन, वे ऐसे अफसरों का भी तबादला करवाना चाहते हैं, जो दागी हैं। प्रदेश में तबादलों से बैन हटने के बाद 1 मई से 30 मई तक तबादले किए जाने के आदेश हुए थे। इसके बाद तबादलों की तारीख 17 जून तक बढ़ाई गई। अब तबादलों की समय सीमा खत्म हो गई। इसके बाद मंत्रियों और विभागीय अफसरों के बीच तनातनी सामने आने लगी है। कुछ मंत्रियों ने तो मुख्यमंत्री तक को शिकायत कर दी कि तबादलों में अफसरों ने उनकी बात को अनसुना किया है। तबादलों की लिस्ट से मंत्रियों के अलावा विधायक और कर्मचारी भी नाराज दिख रहे हैं।
नाम रिजेक्ट करने का कारण
कई विभागों में तबादलों का आंकड़ा 2% तक ही रहा है। तबादला आदेश जारी करने के दौरान अफसरों ने यह कहकर मंत्री के यहां से आए नाम रिजेक्ट कर दिए कि वे तीन फॉर्मूले में फिट नहीं बैठते। ये फार्मूले पारस्परिक तबादला, गंभीर बीमारी कैंसर या ब्रेन ट्यूमर तथा तीसरा महिला का अपने परिवार से दूर पदस्थ होना बताया गया।





