Conspiracy against PM Modi:क्या विदेशी ताकतें प्रधानमंत्री मोदी को हराना चाहती थीं?

816

Conspiracy against PM Modi:क्या विदेशी ताकतें प्रधानमंत्री मोदी को हराना चाहती थीं?

देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार राजग की सरकार शपथ ले चुकी है। यह उतनी बड़़ी बात नहीं है, जितनी यह कि धीरे-धीरे सोशल मीडिया के माध्यम से यह सामने आ रहा है कि कुछ विदेशी ताकतें भारतीयों के कंधे पर रखकर मोदीजी पर निशाना साध रही थीं, जो फिलहाल तो चूक गया। वैसे खतरा अभी टला नहीं है। इस बारे में कुछ जानकारों की राय है कि इन ताकतों का ध्येय केवल 2024 के लोकसभा चुनावों में मोदी को पराजित करना भर नहीं था, बल्कि वे चाहते हैं कि देश में ऐसे हालात बन जायें कि सरकार और देश अराजक स्थिति में पहुंच जाये, ताकि वे अपने हित साध सकें। कैसे,आइये समझते हैं।

 

चुनाव के दरम्यान और नतीजों के बाद भी सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,भाजपा,राजग के साथ विपक्ष को लेकर भी अनेक पोस्ट वायरल हो रही हैं। हम समझ सकते हैं कि ज्यादातर इनमें से भावना प्रधान,बेवजह,फर्जी,अतिरेक भरी और विसंगति पूर्ण हो सकती हैं। लेकिन, कुछ पर बरबस ध्यान जाता है और ये समाज-देश के वे लोग हैं, जिनकी कही बातों की प्रामाणिकता होती है,जो प्रतिष्ठित हैं और अपनी बात पूरी जिम्मेदारी से रखते हैं। इनमें से ही मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगा सर्वश्री जे.साई दीपक(सुप्रीम कोर्ट वकील व लेखक),अश्विनी उपाध्याय(सुप्रीम कोर्ट वकील,जनहित याचिका विशेषज्ञ), डॉ.सैयद रिजवान (सामाजिक,कानूनी मसलों के यू ट्यूबर),पंकज प्रसून(संपादक-एनएफएम न्यूज) का। इन्होंने अलग-अलग पोस्ट में विस्तार से बताया है कि किस तरह से कांग्रेस व विपक्ष ने कैसे मोदीजी व भाजपा नेताओं के फर्जी वीडियो वायरल किये,ताकि उनसे जनता में भ्रम फैले। कैसे विदेशी ताकतों ने भारतीय राजनेताओं को सरकार को बदनाम करने के लिये इस्तेमाल किया और कैसे उनका मकसद देश को अस्थिर करने का है, ताकि वे भविष्य में अपना एजेंडा लागू कर सकें।

 

Who is Ashwini Upadhyay's Why SC Dismisses his Plea on Renaming Cities |  कौन हैं अश्विनी उपाध्याय?

अश्विनी उपाध्याय ने जो कहा

पहले बात अश्विनी उपाध्याय की । उन्होंने बताया कि आऱक्षण खत्म करने के मोदी व अमित शाह के भाषण के,संविधान बदलने,उप्र में एससी,एसटी का पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने,ठाकुरों,ब्राह्मणों को गालियां देने के अमित शाह व योगी के , दलित के घर भोजन न करने जाने के अरुण गोविल के पूरी तरह से फर्जी वीडियो वायरल किये। ऐसे सैकड़ों फर्जी वीडियो को योजनाबद्ध तरीके से देश भर में फैलाया गया,ताकि आमजन के मन में यह विचार पनपे कि मोदी-योगी-शाह दलित,पिछड़े,अजा,जजा आदि के खिलाफ हैं और वे सत्ता में आ गये तो उनकी सारी सुविधायें,विशेषाधिकार समाप्त कर देंगे।किसी हद तक इनका असर हुआ भी है, जो भाजपा की सीटों के कम होने से पता चलता है। इसके लिये अश्विनी उपाध्याय ने देश के घटिया कानून,न्याय व्यवस्था और फर्जीवाड़ा को दोषी माना है। उनका कहना है कि यदि देश में झूठी,तर्कहीन बातें कहने और फर्जी वीडियो तैयार कर वायरल करने के खिलाफ सख्त कानून होता तो किसी की हिम्मत नहीं होती । इस तरह से संभावित परिणाम अलग ही होते ।

जे साई दीपक एक्सक्लूसिव: चार सवाल जो विपक्ष संसद में बीजेपी सरकार से नहीं  पूछ रहा - इंडिया न्यूज़ | द फाइनेंशियल एक्सप्रेस

 जे.साई दीपक ने जो कहा

इसके बाद हम आते हैं जे.साई दीपक के एक साक्षात्कार पर, जो उन्होंने पत्रकार सुशांत सिन्हा को दिया था।दीपक सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील हैं और अच्छे लेखक भी। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कुछ विदेशी ताकतों ने 2024 के आम चुनाव को तो पूरी तरह से प्रभावित करने का प्रयासk किया ही, आगे भी वे बाज नहीं आयेंगे। इसके लिये उन्होंने भाजपा विरोधी राजनीतिक दल का उपयोग किया। वे देश में जातिवाद के जहर को फैलाना चाहते हैं, जो कि इस देश की बड़ी बीमारी है,जो अभी भी मध्य युग की तरह पैर पसार रही है। इन विदेशी ताकतों का मानना है कि हिंदुओं को यदि तोड़ दिया गया तो भारत के टुकड़े करने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। आप समझ सकते हैं कि भारत के टुकड़े करने में किसे दिलचस्पी है और कौन खुलेआम इस तरह के नारे लगाते हैं और कौन उन्हें खुल्लम खुल्ला समर्थन देते हैं। दीपक ने चेताया है कि मोदीजी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बन जाने के बावजूद वे बाज नहीं आयेंगे और दलित-पिछड़े,गरीब के नाम पर वे हिंदुओं को अलग करने के एजेंडे पर काम जारी रखेंगे।

Pankaj Prasoon Poem Aaj Jab Rishton Ko Bikhrte Dekhta Hun - Amar Ujala  Kavya - पंकज प्रसून की कविता:आज जब रिश्तों को बिखरते देखता हूँ

पंकज प्रसून ने जो कहा

पंकज प्रसून ने भी अपने एक कार्यक्रम में विस्तार से कुछ इसी तरह की जानकारी दी है, जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह से राहुल गांधी न्याय यात्रा बीच में छोड़कर केवल दो दिन के लिये लंदन गये थे, जहां देश के करीब दर्जन भर युवा नेताओं को खास तौर से आमंत्रित कर उनके साथ बैठक की। वे बताते हैं कि राहुल के इस दौरे की कोई खबर या तस्वीरें कांग्रेस या राहुल के कार्यालय से जारी ही नहीं की गई, जबकि उनके छोटे-छोटे कार्यक्रमों का बड़ा-सा कवरेज जारी किया जाता है।

पंकज प्रसून ने बताया कि राजस्थान का कथित युवा नेता रवींद्र सिंह भाटी(जिसने भाजपा के खिलाफ राजस्थान व गुजरात में आंदोलन चलाया),ड्रग तस्कर गजेंद्र सिंह राठौड़,कश्मीर की आजादी,फिलीस्तीन का समर्थक और इजराइल का झंड़ा जलाने वाला प्रोफेसर दिव्येश आनंद,इंग्लैंड में भारत की झुग्गी बस्तियों की गरीबी की तस्वीरें दिखाकर चंदा लेने वाली रोनिता बर्धन और लंदन का शराब कारोबारी तेजविंदर सिंह शेकोन जैसे लोग लंदन में राहुल गांधी से मिले। उन्होंने सवाल उठाया कि देश विरोधी और भाजपा विरोधी ये लोग एक साथ राहुल गांधी से विदेशी धरती पर ही क्यों मिलने गये?

Political Analyst Syed Rizwan Ahmed says Congress asking wrong questions to  PM Narendra Modi Hindu Fear Muslim | 'बीजेपी से गलत सवाल पूछ रही कांग्रेस',  सईद रिजवान बोले- ...तो 2019 में नहीं

सैयद रिजवान अहमद ने जो कहा

अब बात यू ट्यूबर डॉ. सैयद रिजवान अहमद की। उन्होंने राहुल गांधी का चुनाव अभियान के दौरान का एक वीडियो साझा किया। इसमें राहुल दलितों के बीच भाषण देते हुए कह रहे हैं कि पूरे हिंदुस्तान को पता लग जायेगा कि कितना धन किसके हाथ में है? दलित के हाथ में कितना,पिछड़ों के हाथ में कितना,गरीब,महिला के हाथ में कितना धन है? उसके बाद नई राजनीति शुरू होगी। फिर ये कहेंगे कि मेरे 50 प्रतिशत लोग है, मेरे हाथ में 2 प्रतिशत धन है। मुझे मेरा 50 प्रतिशत धन चाहिये। इस पर रिजवान कहते हैं कि ये आदमी देश में रास्ते चलते लूटखोरी का आव्हान कर रहा है, जो कि धारा 153 ए और बी का उल्लंघन है। यह बयान देश को जाति के आधार पर सिविल वार में धकेल सकता है। आर्थिक आधार पर सिविल वार में धकेल सकता है।

रिजवान अहमद,जे.साई दीपक,पंकज प्रसून और अश्विनी उपाध्याय की चिंतायें समान हैं,विचारणीय हैं। इन लोगों द्वारा उठाई गई बातों को नेताओं की केवल राजनीतिक जुगाली कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। सोचने वाली बात है कि जब पूरा देश भाजपा,राजग को प्रचंड बहुमत की उम्मीदें कर रहा था। तमाम एग्जिट पोल्स भाजपा को स्पष्ट बहुमत दे रहे थे। समूची दुनिया मोदी के जादू,जलवे के प्रति आश्वस्त थी, तब अचानक ऐसा क्या हुआ कि भाजपा 240 पर रुक गई। राजग 400 पार नहीं कर पाई। कांग्रेस 100 सीटें पा गईं। यह सब हुआ, केवल उन राज्यों के नतीजों के पलटने से जहां जातिवाद चरम पर रहता है। उप्र,बिहार,बंगाल में विपक्ष को उनकी आशा से कहीं अधिक सीटें मिल गईं, जिसने नतीजों में फेरबदल किया। संभव है कि आगे-पीछे उन साजिशों पर से परदा हटे और देश को अराजक स्थिति में पहुंचाने वालों के चेहरे सामने आयें।