
Constable Rahul Case: आदिवासी संगठन का चक्का जाम समाप्त, इंस्पेक्टर की पत्नी पर FIR पर अड़े, RI को पहले ही किया जा चुका है सस्पेंड!
खरगोन : बंगला ड्यूटी कर रहे आदिवासी कांस्टेबल की कथित तौर बीगल ब्रीड के डॉगी के गुम होने पर पिटाई के मामले में दो दिन से चला आ रहा प्रदर्शन खत्म कर दिया गया। लेकिन आदिवासी संगठन रक्षित निरीक्षक की पत्नी पर कार्यवाही को लेकर अड़े हुए हैं। अब समाज के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
कांग्रेस के समर्थन से जारी आंदोलन को आदिवासी संगठनो ने कल रात 2 बजे स्थगित कर दिया था। कांग्रेस के भगवानपुरा विधायक केदार डाबर, भीकनगांव विधायक झूमा सोलंकी और बड़वानी जिले के सेंधवा विधायक मोंटू सोलंकी के नेतृत्व में 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर भव्या मित्तल से मुलाकात की थी।
जिला कलेक्टर ने बताया कि चूंकि रक्षित निरीक्षक सौरभ सिंह कुशवाह को निलंबित कर धार अटैच किया जा चुका है। और मामले की जांच स्वतंत्र रूप से बुरहानपुर के एडिशनल एसपी से कराए जाने के आदेश हो चुके हैं। इसलिए प्रतिनिधिमंडल इस बात पर राजी हुआ कि अधिकतम 2 महीने में जांच प्रतिवेदन सौंप दिया जायेगा। प्रतिनिधि मंडल ने इसके बाद आरक्षक की पत्नी जय श्री द्वारा रक्षित निरीक्षक की पत्नी नम्रता के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए जाने की मांग की।
जिला कलेक्टर ने कहा कि पुलिस से जुड़ा मामला होने के चलते उन्हें संबंधित थाने में जाकर अपनी शिकायत करने के लिए कहा गया था।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल विधायक मोंटू सोलंकी ने बताया कि इसके बाद चित्तौड़गढ़ भुसावल मार्ग पर कलेक्टर के सामने से धरना प्रदर्शन कर रहे अधिकांश लोग चले गए थे। और शेष कुछ लोग प्रकरण दर्ज होने के इंतजार में थे।
उधर शिकायत करने गई आरक्षक की पत्नी जय श्री ने बीती रात पुलिस थाने में काफी आक्रोश जताया।
जयस के पदाधिकारी राजेंद्र पवार ने बताया कि रात में प्रकरण दर्ज नहीं हुआ था, इसलिए आज पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना और सांसद गजेंद्र पटेल से मुलाकात की गई। उन्होंने बताया कि फिलहाल आंदोलन समाप्त कर दिया गया है समाज के लोगों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि आरक्षक राहुल चौहान ने 23 अगस्त की रात्रि रक्षित निरीक्षक सौरभ सिंह कुशवाहा पर उनके बीगल डॉग गुम हो जाने के चलते मारपीट के आरोप लगाए थे। इसको लेकर 27 अगस्त को खंडवा वडोदरा राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया गया था जो 28 अगस्त की दोपहर 1:00 तक चला। इसके बाद तीनों कांग्रेस विधायकों के समर्थन के बाद धरना प्रदर्शन और चक्का जाम 28 अगस्त की दोपहर से कलेक्ट्रेट के सामने चित्तौड़गढ़ भुसावल राजमार्ग पर आरंभ कर दिया गया था।
उन्होंने रक्षित निरीक्षक सौरभ सिंह कुशवाह के निलंबन को पर्याप्त नहीं मानते हुए उनके तथा उनकी पत्नी के विरुद्ध एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करने की मांग जारी रखी।
उधर रक्षित निरीक्षक सौरभ कुशवाह ने दावा किया कि जब वह घर लौटे तो घर अस्त-व्यस्त था, सिगरेट की बत्तियाँ और शराब की बोतलें बिखरी पड़ी थीं। उन्होंने आरोप लगाया, “पड़ोसियों ने तेज़ संगीत सुनने का दावा किया। इससे कुत्ता डर गया होगा। कांस्टेबल ने कुत्ते को पीटा और उसे नाले में फेंक दिया। उसके खून में अल्कोहल का स्तर 190.6 मिलीग्राम/100 मिलीलीटर पाया गया।”
कांस्टेबल की पिटाई के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, ” अगली सुबह मेरे निवास पर चौहान और उसकी पत्नी मिलने आए इस दौरान तथ्यों की जानकारी मिलने पर चौहान की पत्नी ने भी उसकी पिटाई की, दरअसल विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए इस घटना को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।”
उधर जिला अस्पताल के डॉ आशीष अवास्या ने बताया कि घटना की रात्रि 2 बजे तीन पुलिस वाले कांस्टेबल राहुल को एल्कोहल टेस्ट के लिये लेकर आये थे । ब्रीथ एनालाइजर से एल्कोहल का स्तर निर्धारित मात्रा से अधिक 190.6mg/100ml पाया गया था। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि कांस्टेबल ने उसे दौरान मारपीट का जिक्र नहीं किया था । उसने न ही अपनी ओर से और न पूछे जाने के बावजूद अन्य किसी दिक्कत के बारे में बताया था। आदिवासी संगठनों के दावे के खिलाफ उन्होंने बताया कि उन पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं था।
जहां तीनों विधायकों ने कल घटना की निंदा करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। वहीं, क्षेत्रीय भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने भी घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के साथ खड़ी है। निलंबन की कार्रवाई कर दी गई है, और आवश्यक जांच के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
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