Country Signs on Moon : प्रज्ञान ने चांद पर छोड़े देश और इसरो के अमिट निशान!
Bengaluru : चांद पर लैंडर ‘विक्रम’ की सॉफ्ट लैंडिंग के ढाई घंटे बाद रोवर ‘प्रज्ञान’ उससे बाहर निकल गया। जैसे-जैसे वह अपनी यात्रा पर आगे बढ़ेगा, चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छपते जाएंगे। लैंडर के उतरने के बाद चारों तरफ धूल उड़ने लगी थी। धूल के पूरी तरह नीचे बैठने के बाद ‘प्रज्ञान’ को इसरो ने विक्रम से बाहर निकाला। प्रज्ञान ने चलते हुए चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए।
लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अगला काम उसकी गोद में बैठे रोवर प्रज्ञान को बाहर निकालना था। अब असली मिशन शुरू हो गया और विक्रम एवं प्रज्ञान मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का हालचाल बताएंगे। इसरो के मुताबिक, रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है और उसने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़े हैं।
प्रज्ञान अब 14 दिन तक चांद पर रहकर स्टडी करेगा और डेटा कलेक्ट करके लैंडर विक्रम को भेजेगा। यहां से सभी जानकारियां धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्टों को भेजी जाएंगी।
चांद पर कैसे बन रहे देश के निशान
रोवर प्रज्ञान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वह चांद की धरती पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ता जा रहा। प्रज्ञान के पहियों पर इसरो और अशोक स्तंभ के निशान बने हैं, तो जैसे-जैसे वह आगे बढ़ेगा चांद की धरती पर ये निशान छोड़ता जाएगा। इसरो ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग से पहले इसकी जानकारी दी थी। इसमें रोवर के एक तरफ के पहियों पर इसरो का निशान है और दूसरी तरफ के पहियों पर अशोक स्तंभ का निशान बना है।
ढाई घंटे बाद इसलिए बाहर आया प्रज्ञान
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान काफी धूल उड़ने लगी थी। वहां गुरुत्वाकर्ष्ण पृथ्वी की तुलना में काफी कम है। इस वजह से पृथ्वी की तरह वहां धूल जल्दी नीचे नहीं बैठती। इसरो के वैज्ञानिकों ने पहले धूल के बैठने का इंतजार किया और फिर रोवर को नीचे उतारा। अगर उसको लैंडिंग के तुरंत बाद ही उतार दिया जाता तो इसके कैमरों पर धूल जमा हो जाती और रोवर में लगे उपकरणों को भी नुकसान हो सकता था। रोवर को मिशन पूरा करने में समस्या हो सकती थी।