Crackdown on Substandard Food Items : शहर की कॉलोनियों में अमानक खाद्य सामग्री बेचने वालों पर भी शिकंजा कसने का फैसला!

मिलावटी दूध, केमिकल से पकाए फल और घटिया सब्जियां बिकने की शिकायत की जांच होगी!

179

Crackdown on Substandard Food Items : शहर की कॉलोनियों में अमानक खाद्य सामग्री बेचने वालों पर भी शिकंजा कसने का फैसला!

 

Indore : निगरानी समिति की बैठक कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें कलेक्टर आशीष सिंह ने सघन जांच अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं बैठक में पहुंचे अधिकारियों, जागरूक उपभोक्ता समिति के पदाधिकारी और दुग्ध व्यापारी एसोसिएशन ने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। मिलावटी और अमानक खाद्य सामग्री के खिलाफ शहर के व्यावसायिक क्षेत्रों में चलाई जाने वाली कार्रवाई अब कॉलोनियों में भी चलाई जाएगी।

प्रशासन ने लीगल और सर्विलांस टीम सक्रिय की है, ताकि कॉलोनी में अमानक स्तर के खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर भी शिकंजा कसा जा सके। बारिश और त्योहारी मौसम के दौरान फूड पॉइजनिंग और मिलावटी सामान खाने के कारण प्रभावित हो रहे रहवासियों के बचाव के लिए जांच मोबाइल वैन पहुंचेगी और जागरूकता भी फैलाएगी।
निगरानी समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्र से मिलावटी दूध आने की भी शिकायत पहुंची। निर्णय के अनुसार पानी, खाद्य सामग्री, रासायनिक पदार्थ डालकर पकाए गए फलों और कीटनाशक वाली सब्जियों के प्रभाव को रोकने के लिए अब गली-गली में मोबाइल वैन पहुंचेगी। होटलों, रेहड़ी वालों द्वारा बेचे जा रहे उत्पादों के सैंपल लेकर जांच अभियान चलाएगी। अमानक स्तर का खाद्य बिक्री पाए जाने पर नियम अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्रों से मिलावटी दूध आ रहा, जांच नाके लगाए जाएं
इंदौर दुग्ध विक्रेता संघ के अध्यक्ष ने कलेक्टर को बताया कि शहरी क्षेत्र में तो फैट प्रणाली से दूध का विक्रय किया जा रहा है। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र के किसान दूध पर यह प्रणाली लागू नहीं करना चाहते। इस कारण अमानक स्तर का दूध शहरी क्षेत्र में भेजा जा रहा है। मिलावटी दूध की जांच की कार्रवाई में शहर के विक्रेताओं को दंड भुगतना पड़ रहा है, जबकि किसानों की तरफ से ही मिलावटी दूध की बिक्री की जा रही है।
उन्होंने बताया कि ग्वालियर न्यायालय ने 2023 में निर्देश जारी किए थे कि शहर के एंट्री पॉइंट पर बूथ लगाकर उत्पादकों के दूध की जांच की जाए। लेकिन, इंदौर जिले में अब तक यह प्रक्रिया लागू नहीं की गई, जबकि उज्जैन सहित 9 जिलों ने यह प्रणाली अपना ली है। वहीं एफएसएसएआई के नियमों के अनुसार उत्पादकों का रजिस्ट्रेशन भी कराया जाना चाहिए, जो कि अब तक नहीं हुआ है। कलेक्टर ने जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही।

पेट्रोल पंपों की जांच की जाएगी
पेट्रोल पंप पर मिलावटी डीजल और पेट्रोल बेचे जाने की शिकायत दर्ज कराते हुए जागरूक उपभोक्ता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि इंदौर जिले के पेट्रोल पंपों पर अनियमितताओं का भंडार लगा हुआ है। शहर में एक ही ग्रेड वन फूड ऑफिसर होने के कारण पेट्रोल पंप की जांच नियमित तौर पर नहीं की जा रही है। उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री के काफिले की 19 गाडिय़ों में पानी मिला डीजल डालने की घटना का भी उल्लेख किया और मांग की कि इंदौर में भी जांच अभियान चलाया जाए, जिस पर कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लेने की बात कही।