

MP Health System Crisis: पद्मश्री डॉ. सुब्रत राय की पत्नी को Rabies Injection के लिए भटकना पड़ा, विपक्ष का सरकार पर हमला
– राजेश जयंत
मध्य प्रदेश के धार जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत एक बार फिर सामने आ गई। ‘हाईवे का मसीहा’ पद्मश्री डॉ. सुब्रत राय की पत्नी सुष्मिता राय को मांडू में कुत्ते के काटने के बाद रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए कई जगह भटकना पड़ा। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन उपलब्ध होने के बावजूद उन्हें पहले मना कर दिया गया, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं।
डॉ. सुब्रत राय ‘लाइफ लाइन’ संस्था के सीईओ हैं और 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू करवाने में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। 1999 में खुद हादसे का शिकार होने के बाद से वे सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को समय पर इलाज दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनकी पत्नी सुष्मिता राय भी इस सेवा में सक्रिय हैं।
शनिवार को मांडू घूमने के दौरान सुष्मिता राय को कुत्ते ने काट लिया। मांडू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. चांदनी डबरोलिया ने इंजेक्शन न होने की बात कहकर उन्हें नालछा रेफर कर दिया। मीडिया के हस्तक्षेप के बाद जब वे दोबारा अस्पताल पहुंचे, तो स्टाफ नर्स ने बताया कि इंजेक्शन उपलब्ध हैं और तब जाकर उन्हें इंजेक्शन लगाया गया। सवाल यह है कि जब इंजेक्शन था, तो पहले मना क्यों किया गया?
इस घटना पर विपक्ष के नेता उमंग सिंगार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब एक पद्मश्री को इतनी परेशानी झेलनी पड़ी, तो आम लोगों की हालत का अंदाजा लगाना मुश्किल है। उन्होंने रैबीज जैसी जानलेवा बीमारी में लापरवाही को लेकर सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की प्राथमिकताओं पर भी सवाल उठाए।
नालछा विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. जोगिंदर सिंह डावर ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई होगी। धार के सीएमएचओ डॉ. राकेश शिंदे ने भी जांच रिपोर्ट मांगी है और जल्द मांडू का दौरा करने की बात कही है। नगर परिषद मांडू के सीएमओ सुशील सिंह ठाकुर ने आवारा श्वानों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने और मवेशियों के लिए चेतावनी जारी करने की बात कही है।
यह घटना प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी सच्चाई और सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है।