‘बेटियां बेटों से कम नहीं’ अंबानी का भी यही संदेश  

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‘बेटियां बेटों से कम नहीं’ अंबानी का भी यही संदेश  

सामाजिक बदलाव सिर्फ समाज तक ही सीमित नहीं है। अब ये बड़े घरानों में भी इस तरह का बदलाव नजर आने लगा। यही कारण है कि अब बड़े उद्योगपति घरानों का नजरिया भी बदल रहा है। कारोबार की पूरी बाग़डोर अब सिर्फ बेटों के हाथ में ही नहीं दी जाती, बेटियां भी बराबरी की हिस्सेदार बनने लगी हैं! रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सालाना आमसभा में इस बात का संकेत दे दिया। मुकेश अंबानी ने भी इसकी जोरदार मिसाल पेश की। उन्होंने अपनी बेटी ईशा अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज का पूरा रिटेल कारोबार सौंप दिया। इस बहाने रिलायंस चेयरमैन ने अपनी उत्‍तराधिकार योजना को साफ कर दिया। उन्होंने अपने तीनों बच्‍चों के लिए रास्ता साफ कर दिया। इससे सबसे अच्छा ये है कि भविष्य में किसी खींचतान की गुंजाइश नहीं है। इस विरासत में बेटी को भी बेटों जितना ही हक मिलेगा।

सोमवार को रिलायंस की 45वीं एजीएम में रिलायंस के चेयरमैन ने ईशा का परिचय ग्रुप के रिटेल कारोबार की हेड के तौर पर करवाया। उन्होंने जिस अंदाज में ईशा का परिचय दिया, वह देश के करोड़ों के दिलों को प्रभावित कर गया। यह उनकी सिर्फ घोषणा नहीं, भविष्य के बदलते भारत का संकेत भी कहा जा सकता है। इससे पितृ सत्‍ता प्रधान समाज को यह इशारा भी मिला कि अब बेटियां कहीं से भी बेटों से कम नहीं हैं। मुकेश अंबानी ने स्पष्ट कर दिया कि उनके कारोबार के बंटवारे में बेटी ईशा का भी उतना ही अधिकार है, जितना उनके दो बेटों अनंत और आकाश का बनता है।

ईशा अंबानी को घर में ईशू नाम से पुकारा जाता है। वे अपने दो भाइयों में अकेली है। 2008 में ‘फोर्ब्स’ ने अपनी लिस्ट में उन्हें सबसे कम उम्र की अरबपति उत्तराधिकारी के तौर पर दूसरे पायदान पर रखा था। अब पिता मुकेश अंबानी ने ग्रुप के रिटेल कारोबार की बागडोर बेटी के हाथ में सौंप दी। इसके पीछे मकसद यह नहीं कि ईशा मुकेश अंबानी की लाडली है, बल्कि यह उनकी काबिलियत भी है। ईशा पढ़ाई-लिखाई में वह अव्‍वल रही। वह कई साल पहले रिलायंस रिटेल और जियो के बोर्ड से जुड़ी गई थीं। 2015 में उन्हें एशिया की सबसे पावरफुल अपकमिंग बिजनेस वुमन का तमगा मिला था। वे बिजनेस की बारीकियों को समझती हैं। वे न्यूयॉर्क में मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेंजी में बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं।

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मुंबई के धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्‍कूल से शुरुआती पढ़ाई के बाद ईशा ग्रेजुएशन के लिए येल यूनिवर्सिटी गई थीं। वहां साइकोलॉजी और साउथ एशियन स्टडीज से ग्रेजुएशन पूरा किया। फिर स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया। वह बहुत अच्‍छा पियानो बजाती हैं। 2014 में न्यूयॉर्क में उन्होंने बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर काम किया। उसी साल अक्टूबर में रिलायंस रिटेल और जियो के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में उन्हें शामिल किया गया। 2015 में उन्हें आने वाले समय में एशिया की 12 सबसे शक्तिशाली कारोबारी महिलाओं में रखा गया। दिसंबर 2015 में जब जियो की 4जी सर्विसेज लॉन्च हुईं तो ईशा अंबानी ने ही इसका नेतृत्व किया था।

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ईशा अंबानी ने रिलायंस की सालाना आमसभा बैठक में इंडस्ट्री के रिटेल कारोबार के मुखिया के तौर पर प्रेजेंटेशन दिया। एजीएम में मुकेश अंबानी ने ईशा का परिचय खुदरा कारोबार के मुखिया के तौर पर कराया तो वहां मौजूद इन्वेस्टर्स चौंके, पर साथ में उन्हें ख़ुशी भी हुई कि बदलते भारत का संकेत यही है। मुकेश अंबानी ने ईशा को रिटेल बिजनेस के बारे में विस्तार से बोलने के लिए मंच पर भी बुलाया और ईशा को रिटेल बिजनेस का सर्वेसर्वा बताया। मुकेश अंबानी ने ईशा को रिटेल की कमान देने के साथ छोटे बेटे अनंत को एनर्जी बिजनेस की कमान सौंपी है। बड़े बेटे आकाश को ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो का प्रमुख पहले ही नामित किया जा चुका है। इस तरह पूरी उत्तराधिकार योजना स्पष्ट है।

रिलायंस चेयरमैन ने जब अपने कारोबार की अगली पीढ़ी का परिचय दिया, तो उनकी आवाज में वो गर्व और सुकून था, जो कोई पिता अपने लायक बच्चों को अपनी विरासत सौंपते हुए करता है। उन्होंने एजीएम में कहा कि इन तीनों को समूह संस्थापक स्व धीरूभाई अंबानी की सोच विरासत में मिली है। वो पेशेवरों और अगुवाई लोगों की युवा टीम के बीच समकक्षों में पहले हैं। इन सभी को उनके और निदेशक मंडल के अन्य सदस्यों समेत तमाम वरिष्ठों का रोजाना मार्गदर्शन मिल रहा है। अंबानी यह भी बोले कि आकाश और ईशा ने जियो और रिटेल का नेतृत्व संभाला हुआ है। वहीं, अनंत भी पूरे मन से न्‍यू एनर्जी बिजनेस के साथ जुड़े हुए हैं। मुकेश अंबानी 65 साल के हैं। उनके तीन बच्‍चे हैं। ईशा और आकाश जुड़वां भाई-बहन हैं। वहीं, सबसे छोटे अनंत हैं। ईशा की शादी पीरामल समूह के आनंद पीरामल से हुई है।

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मुकेश अंबानी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह अभी रिटायर नहीं होंगे। वह ग्रुप में पहले की तरह एक्टिव रहेंगे। इस एजीएम में सबकी नजरें अंबानी के उत्तराधिकारियों के नामों पर थी। इस बारे में उन्होंने पिछले साल दिसंबर में संकेत दिए थे। तब भी उन्होंने साफ कहा था कि तीनों बच्‍चे पहले ही ग्रुप की गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में डायरेक्टर की भूमिका निभा रहे हैं। आगे उन्हें और बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। जून में अंबानी ने रिलायंस जियो इंफोकॉम के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। इस तरह उन्होंने अपने बड़े बेटे आकाश के लिए कंपनी की बागडोर संभालने का रास्ता खोल दिया था। मुकेश अंबानी ने इस आशंका को भी दूर कर दिया कि ‘बेटियां बेटों से कम है के!’

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सोनम लववंशी

पत्रकारिता में स्नातकोत्तर होने के साथ महिलाओं और सामाजिक मुद्दों की बेबाक लेखिका है। उन्होंने पत्रकारिता के कई संस्थानों में कार्य किया है।