DDA Demolished Mosque : 600 साल पुरानी मस्जिद ढहाई गई, डीडीए ने बताया कारण!
New Delhi : महरौली इलाके में स्थित अखूंदजी मस्जिद और बहरूल उलूम मदरसे को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। लोगों का दावा है कि यह मस्जिद 600 से 700 साल पुरानी थी, जिसका निर्माण रजिया सुल्तान के शासनकाल के दौरान हुआ था। इस मस्जिद परिसर में मदरसा बहरुल उलूम के साथ कुछ पुरानी कब्रें भी थीं, जिसे दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने ध्वस्त कर दिया।
डेढ़ साल से जाकिर हुसैन पिछले इस मस्जिद के इमाम थे। उन्होंने दावा किया कि डीडीए ने सुबह-सुबह गुपचुप ढंग से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। लोगों की नजर से इसे छुपाने के लिए मस्जिद और मदरसे का मलबा भी तुरंत हटा दिया गया।
हुसैन कहते हैं कि बुलडोजर आने और विध्वंस शुरू होने से पहले हमें अपना सामान इकट्ठा करने के लिए 10 मिनट का समय दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनका फोन छीन लिया, उन्हें साइट से दूर ले जाकर इलाके की घेराबंदी कर दी। उन्होंने कहा कि परिसर के चारों ओर CISF कर्मियों को तैनात किया गया था और मस्जिद ढहाने के बाद सारा मलबा इकट्ठा करके तुरंत ही उसे वहां हटा दिया।
मस्जिद ढहाने की वजह
डीडीए इन दिनों संजय वन क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को हटाने में जुटी है। इस अभियान के तहत इस इलाके से कई मंदिरों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को हटाया गया। इस मस्जिद को ध्वस्त करने के पीछे डीडीए अधिकारियों ने तर्क दिया कि यह संरचना दक्षिणी रिज के आरक्षित वन भाग संजय वन में थी। डीडीए अधिकारियों ने कहा कि रिज प्रबंधन बोर्ड के निर्णय के अनुसार, रिज क्षेत्र को सभी प्रकार के अवैध अतिक्रमण से मुक्त किया जाना चाहिए।
डीडीए ने एक बयान में कहा कि धार्मिक प्रकृति की अवैध संरचनाओं को हटाने की मंजूरी धार्मिक समिति द्वारा दी गई थी। हालांकि, यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि इस मस्जिद का विध्वंस डीडीए द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को दिए गए पहले के आश्वासन के विपरीत है, जिसमें महरौली पुरातत्व पार्क में मस्जिदों, कब्रिस्तानों या कानूनी रूप से स्वामित्व वाली वक्फ संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने का आश्वासन दिया गया था।