उज्जैन में गंभीर डेम की जलग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिये जन-सहभागिता से गहरीकरण अभियान शुरू

उज्जैन को जलप्रदाय करने वाला मुख्य स्रोत है गंभीर डेम

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उज्जैन में गंभीर डेम की जलग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिये जन-सहभागिता से गहरीकरण अभियान शुरू

*उज्जैन से मुकेश व्यास की रिपोर्ट*

उज्जैन । उज्जैन को जलप्रदाय करने वाले मुख्य स्रोत गंभीर डेम की जलग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिये आज से जन-सहभागिता से गहरीकरण का कार्य शुरू किया गया।बांध के गहरीकरण हेतु एक किलो मीटर दूर अपस्ट्रीम एरिया में इंटेल वेल की तरफ और सामने के तटीय क्षेत्र बड़नगर तहसील की ओर गहरीकरण हेतु स्थान चिन्हित किये गये हैं।आज अंबोदिया में गहरीकरण की शुरूआत समारोहपूर्वक किया गया।

महापौर श्री टटवाल ने बताया कि शनिवार को गंभीर डेम की गहरीकरण कार्य का शुभारंभ बिल्केश्वर महादेव का पूजन करते हुए किया गया। शहर में पेयजल प्रदाय व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सन् 1991 में गंभीर डेम का निर्माण किया गया था जिसकी जलसंग्रहण क्षमता 2250 एमसीएफटी है, वर्तमान में प्राकृतिक कारणों से इसकी जलसंग्रहण क्षमता में कमी आई है। वर्तमान शहर की जनसंख्या को देखते हुए गंभीर डेम की जलसंग्रहण क्षमता बढ़ाना आवश्यक है। गंभीर डेम की गाद सफाई एवं गहरीकरण कार्य जनसहयोग से किया जा रहा है जिसमें पंचायतो, समाजसेवी संगठनों, किसानों आदि का सहयोग लिया जा रहा है।प्रजापत समाज द्वारा भी इस कार्य में अपने संसाधनों का उपयोग करते हुए सहयोग किया जाएगा।
गहरीकरण अभियान की तैयारियों को लेकर कलेक्टर सभाकक्ष में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी।बैठक में सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, महापौर श्री मुकेश टटवाल, पार्षद श्री रजत मेहता, कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, नगर निगम आयुक्त श्री रोशन सिंह, जिला पंचायत सीईओ सुश्री अंकिता धाकरे, सेवाधाम के श्री सुधीरभाई गोयल एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में निर्देश दिये गये कि गहरीकरण की कार्यवाही से बांध की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होना चाहिये, बांध की सुरक्षा सर्वोपरि है। कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री कमल कुवाल को अपने विभाग के उपयंत्री की ड्यूटी प्रत्येक गहरीकरण स्पॉट पर लगाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही निर्देशित किया गया है कि जिन चिन्हित क्षेत्रों में गहरीकरण हो रहा है, उससे लगे गांव के लोग ही मिट्टी ले जायें, यह सुनिश्चित किया जाये। इसके लिये मिट्टी ले जाने वालों की रजिस्टर में इंट्री की जायेगी और उन्हें पर्ची प्रदान की जायेगी। बैठक में निर्देश दिये गये कि चिन्हित स्थानों से ही मिट्टी निकाली जाये। गहरीकरण के कार्य में नेशनल हाईवे ॲथोरिटी एवं अन्य संस्थाओं की मदद ली जायेगी। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिप्रा नदी के कैचमेंट क्षेत्र में स्थित तालाबों के गहरीकरण का कार्य भी हाथ में लिया जाये।

कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने बैठक में सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि उनके क्षेत्र में तालाब के गहरीकरण की यदि कोई अनुमति मांगता है तो उसे तुरन्त दी जाये। बैठक में सेवाधाम के श्री सुधीरभाई गोयल ने घोषणा की कि गहरीकरण के लिये चिन्हित विभिन्न स्थानों पर उनकी संस्था द्वारा गहरीकरण के लिये आने वाले वॉलेंटियर्स के लिये आगामी 15 दिनों तक भोजन, टेन्ट, स्वल्पाहार, पेयजल की व्यवस्था नि:शुल्क की जायेगी। बैठक में बड़नगर एसडीएम श्री आकाश सिंह, उज्जैन एसडीएम श्री राकेश शर्मा, श्रीमती कल्याण पाण्डे, सुश्री कृतिका भीमावद, घट्टिया एसडीएम श्री धीरेन्द्र पाराशर, उज्जैन जनपद सीईओ श्रीमती हेमलता मण्डलोई, बड़नगर सीईओ श्री प्रदीप पाल, घट्टिया सीईओ श्रीमती विष्णुकान्ता गुप्ता, पीएचई के ईई श्री घनश्याम उपाध्याय, आरईएस के श्री सुनील शर्मा एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।