छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: छतरपुर में मानवता को ठेंगा दिखाने वाला एक मामला सामने आया है जहां यातायात पुलिस द्वारा एक दिव्यांग की बैटरी चलित ऑटो पकड़ कर यातायात थाने में बिठाये रखा गया। दिव्यांग पति-पत्नी की लाख मिन्नतों के बाद भी नहीं छोड़ा गया।
जानकारी के मुताबिक मामला छतरपुर शहर के छत्रसाल चौराहे का है जहां यातायात पुलिस द्वारा दिव्यांग की टैक्सी पकड़ने की कार्यवाही गई। उसकी टैक्सी को लाकर यातायात थाने में पहिये पर लॉक लगाकर रखा गया। रामसेवक की मानें तो यहां वह पत्नी के साथ पिछले 5 घंटे से भूखा-प्यासा बैठा हुआ है।
●मेहनत करके चलाता परिवार..
रामसेवक की मानें तो वह मेहनत करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता है अपनी दिव्यांगता/विकलांगता की लाचारी दिखाकर भीख नहीं मांगता।
वह दिन भर अपनी हिम्मत के मुताबिक 200-300 रुपये कमा लेता है उसमें गाड़ी और अपने परिवार का खर्च बमुश्किल ही निकाल पाता है। आज गाड़ी पकड़ ली तो आज की दिहाड़ी तो गई।
●परिवार में 5 लोगों की जिम्मेदारी उसपर..
रामसेवक की पत्नी दुजिया भी दिव्यांग है उसके परिवार में वह उसकी पत्नी और उसके मृत हो चुके भाई की पत्नी उसके 2 बच्चे कुल मिलाकर 5 लोग हैं जिनका भरण पोषण उसे अकेल ही करना होता है।
ग़र एक दिन टैक्सी न चले तो मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ता है अगले दिन राशन-पानी और खाने-पीने की चिंता होने लगती है।
●ASP की जानकारी में आने पर TAXI को छोड़ा..
हालांकि मामला ASP विक्रम सिंह के संज्ञान में आने के बाद दिव्यांग की TAXI को तत्काल प्रभाव से छोड़ दिया गया और दोनों दिव्यांग पति-पत्नी अपनी TAXI और आंखों में खुशी के आंसू लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का धन्यवाद करते अपने घर को चले गये वरना ट्रैफिक पुलिस ने तो उन्हें गाड़ी के साथ थाने बैठा ही लिया था।
देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, रामेश्वर (दिव्यांग टैक्सी चालक)-
देखिये वीडियो: क्या कह रही हैं, दुजिया (दिव्यांग पत्नी)-