Disproportionate Assets:जेल में बंद पूर्व IAS अधिकारी को ED ने भी किया गिरफ्तार
ये प्रमोटी आईएएस अधिकारी उत्तर प्रदेश में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रहे हैं। वर्ष 2017 में वह कैडर बदलवाकर उत्तराखंड आए और समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव रहे।वर्ष 2018 में उनकी संपत्ति के संबंध में एक व्यक्ति ने लखनऊ में आरटीआई लगाई थी। इसमें चौंकाने वाले तथ्य मिले थे। इसकी जानकारी उसने उत्तराखंड सरकार को दी।उत्तराखंड के रिटायर्ड आईएएस राम विलास यादव को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है।विजिलेंस ने यादव के खिलाफ मुकदमे में 88 गवाह बनाए हैं। राम विलास यादव ने अपने परिवार वालों के नाम कई प्लॉट, मकान, विद्यालय, कांप्लेक्स, बैंक एफडी, पॉलिसी और गाड़ियां खरीदी हैं। बच्चों की शिक्षा और पत्नी-बच्चों पर 21 करोड़ से अधिक खर्च किए। उसकी पत्नी के नाम पर एक ट्रस्ट है जिसका एक स्कूल भी लखनऊ में चलता है।
शनिवार को पीएमएलए एक्ट के तहत देहरादून की सुद्धोवाला जेल (sudhowala prison) में राम विलास यादव की औपचारिक गिरफ्तारी की गई है। इसके बाद से उसे फिर सुद्धोवाला जेल में ही दाखिल कर दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। पूर्व आईएएस राम विलास यादव यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे।
उन्हें 23 जून 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लेकिन, उन्होंने वाजिब जवाब नहीं दिया था। करीब 11 घंटे पूछताछ के बाद यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी सेवानिवृत्ति भी जेल में रहते ही हुई। विजिलेंस ने विवेचना के बाद 18 अगस्त 2022 को यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। वहीं, मामले में पिछले साल ही ईडी ने भी जांच शुरू की। ईडी के अनुसार, पिछले दिनों रामविलास यादव के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी की विवेचना करते हुए शुक्रवार को सुद्धोवाला जेल में यादव की गिरफ्तारी की गई थी।
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यादव की आय और संपत्तियों के ब्योरे को शामिल करते हुए 2500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई थी। इसमें ब्योरा दिया गया कि वैध स्रोत से उन्हें तीन साल में 78.51 लाख की आय हुई थी। लेकिन, उन्होंने इस दरम्यान जो संपत्तियां बनाईं उनकी बाजारी कीमत 21 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। यह गुणात्मक रूप से उनकी इस आय से 27 गुना और 2600 फीसदी अधिक है.राम विलास ने लखनऊ में कई संपत्तियां कौड़ियों के भाव खरीदीं।
सीतापुर रोड स्थित पुरनिया और प्रियदर्शिनी कॉलोनी में पत्नी कुसुम विलास के नाम से एलडीए से दो करोड़ की जमीन लीज पर ली थी। इस जमीन के बदले 1782 रुपये वार्षिक दर से सिर्फ एक लाख 78 हजार रुपये ही एलडीए को दिए थे। इसी कॉलोनी में अपने साले अरुण के नाम से भी जमीन 90 साल की लीज पर ली थी।
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