
Dispute Over Fare Difference : जितना महंगा मोबाइल उतना ज्यादा टैक्सी किराया, ‘ओला’ और ‘उबर’ को यही भारी पड़ा, नोटिस जारी किए गए!
New Delhi : ओला और उबर के अलग-अलग किराया दिखाने के मामले पर उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा है। केंद्रीय कंज्यूमर अफेयर मिनिस्टर प्रह्लाद जोशी ने बताया कि यह मुद्दा एंड्रॉयड और आईओएस पर भिन्न किराया दिखाने से जुड़ा है। आइफ़ोन के आईओएस अपडेट के बाद एप्पल को भी नोटिस जारी किया गया। दरअसल, इन टैक्सियों का किराया कई बार इसलिए ज्यादा वसूला जाता है कि उन्हें महंगे मोबाइल से बुक किया!
एंड्रॉइड और आईओएस पर अलग-अलग किराया दिखाने का मुद्दा गरमा गया। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर ने अब दोनों कंपनियों को नोटिस भेजा है। केंद्रीय कंज्यूमर अफेयर मिनिस्टर प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नोटिस भेजकर दोनों कंपनियों से इस मामले पर जवाब मांगा है। जोशी ने इसको लेकर ‘एक्स’ पर जानकारी भी दी है। उन्होंने जानकारी दी कि इस मामले में केंद्रीय कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने नोटिस जारी किया है।
मिनिस्टर ने कहा कि विभिन्न मोबाइल मॉडल आईफोन और एंड्रॉयड के आधार पर भिन्न मूल्य निर्धारण के पहले देखे गए मामले के संदर्भ में, कंज्यूमर मंत्रालय ने सीसीपीए के माध्यम से प्रमुख कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर को नोटिस जारी कर उनके जवाब मांगे हैं। ओला और उबर को उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया।
एप्पल को भी नोटिस दिया
एक अन्य पोस्ट में मंत्री ने बताया कि आईओएस 18+ सॉफ़्टवेयर अपडेट के बाद आईफोन में परफॉर्मेंस से जुड़ी शिकायतें नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई थीं। इन शिकायतों की जांच करने के बाद, विभाग ने सीसीपीए के माध्यम से एप्पल को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। पिछले महीने, मंत्री जोशी ने सीसीपीए को इस मामले की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया था और प्रभावित कंपनियों को चेतावनी दी थी कि यूजर्स के शोषण को शून्य सहिष्णुता के तहत लिया जाएगा।
किराए में अंतर भारी पड़ा
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह प्रथम दृष्टि में अनुचित व्यापार प्रथाओं जैसा प्रतीत होता है। जहां कैब एग्रीगेटर्स पर आरोप है कि वे उल्लिखित कारकों के आधार पर भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण कर रहे हैं। यदि ऐसा है, तो यह उपभोक्ताओं के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। मंत्री ने यह भी बताया कि अन्य उद्योगों, जैसे कि ऑनलाइन टिकटिंग ऐप्स और फूड डिलीवरी सेवाओं, की भी जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं इसी तरह की समस्याएं वहां भी तो नहीं हैं।