मुंबई की सड़कों पर अब डबल डेकर बसें नहीं दिखाई देगी, बेस्ट कर्मचारियों की आंखें हुई नम, जानिए क्यों बंद किया गया
मुंबई में लोकल ट्रेन के बाद बेस्ट की बसों को दूसरी लाइफ लाइन कहा जाता है।
इसके साथ यह लाल रंग की डबल डेकर बसें कई बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाई दी हैं बल्कि शहर की पहचान और लाखों लोगों की बचपन की अभिन्न यादों का हिस्सा भी बन गई हैं। इन बसों का मुंबई में 86 साल सफर रहा । लेकिन शुक्रवार, 15 सितंबर को आखिरकार इन लाल रंग की डबल डेकर बस की अंतिम विदाई हो गई। यानी अब यह बस मुंबई की सड़कों पर दिखाई नहीं देगी। मुंबई में डबल डेकर बस को यादगार विदाई दी गई।
बेस्ट से जुड़े ड्राइवर, कंडक्टरों के साथ कई कर्मचारियों ने डबल डेकर बस को माला पहनाई और भावुक विदाई दी। इस मौके पर कई कर्मचारियों की आंखें भी नम थी। इस बस को बंद करने की सबसे बड़ी वजह प्रदूषण माना गया है। मुंबई परिवहन विभाग ने हाल ही में सड़कों से प्रदूषण फैलाने वाले सार्वजनिक परिवहन वाहनों को साफ करने के लिए इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें शुरू की हैं। मुंबई के सार्वजनिक परिवहन में करीब आठ दशक तक शामिल रहीं लाल डबल डेकर बसों का 15 वर्षों का जीवन पूरा हो चुका है और इसलिए इन्हें हमेशा के लिए सड़कों से हटा दिया गया है। शहर में अब सिर्फ नई इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें ही चलेंगी।
उच्च परिचालन लागत का हवाला देते हुए बेस्ट प्रशासन ने 2008 के बाद डबल-डेकर बसों को शामिल करना बंद कर दिया। मुंबई में पहली डबल डेकर बस 8 दिसंबर, 1937 को शुरू हुई थी। यह मुख्य तौर पर दक्षिण बंबई के मार्गों पर चलती थी। बाद में 1960 के दशक में एक डबल डेकर ट्रेलर बस उतारी गई। 1990 का दशक आते-आते बेस्ट के बेड़े में डबल डेकर बसों की संख्या बढ़कर 900 तक पहुंच गई थी।
फिलहाल बेस्ट के बेड़े में 3 ओपन डेक बसों के साथ कुल 7 डबल डेकर बसें हैं। इन ओपन-डेक बसों का परिचालन 5 अक्टूबर से बंद होगा। गौरतलब है कि बसों का लाइफ स्पैन खत्म होने की वजह से ही उन्हें सड़कों से हटाया जा रहा है। इन्हें फेज आउट करने के अलावा कोई चारा नहीं था। इस बेस्ट की इन डबल डेकर बसों की जगह नई एसी डबल डेकर बसें अब मुंबई की सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी।
मुंबई में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने वाले लोगों से ये डबल-डेकर बसें जुड़ गई थीं। यही वजह है कि मुंबईकर इन बसों को संरक्षित रखने की बात कर रहे हैं। कई लोगों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पर्यटन मंत्री और BEST से अपील कि है कि कम से कम दो बसों को अनिक डिपो स्थित म्यूजियम में रखा जाए। यात्रियों का कहना है कि नई इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें आरामदायक जरूर हैं, लेकिन इनमें पुरानी बसों जैसी बात नहीं है।