E-Hospital Project : मरीजों को 5 साल बाद भी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा नहीं!      

'ई-हॉस्पिटल' के तहत मरीजों को भीड़ से मुक्त करना था, जो नहीं हुआ!

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E-Hospital Project : मरीजों को 5 साल बाद भी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा नहीं! 

 

Indore : शासकीय अस्पतालों में मरीजों के लिए सुविधाओं के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहते हैं। 2018 में एमवाय अस्पताल ओपीडी में मरीजों को घर बैठे ऑनलाइन अपाइमेंट की सुविधा देने की बात कहीं गई थी। लेकिन, अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ।

यहां अभी भी मरीजों को लाइन में लगकर पर्ची बनवाने और फिर डॉक्टरों के चैंबर के बाहर घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। हालांकि, एमवाय अस्पताल में टोकन सिस्टम शुरू होने से मरीजों को थोड़ी राहत जरूर मिली। दरअसल, एमवाय अस्पताल ओपीडी, आईपीडी सहित सारा काम ऑनलाइन करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने ई-हॉस्पिटल प्रोजेक्ट को लागू भी कर दिया था।

योजना के तहत पहले चरण में सभी क्लीनिकल विभागों की ओपीडी को ऑनलाइन किया जाना था। यदि यह शुरू हो जाता तो मरीज चाहता तो घर बैठकर भी ओपीडी का रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। ताकि, मरीज का भीड़ से बचाव हो सके और जो समय तय डॉक्टर को दिखाने का उसी समय पर वह अस्पताल पहुंचे। वहीं इस व्यवस्था के तहत मरीजों को दो प्रकार के नंबर भी दिए जाने थे। जिसमें एक नंबर अस्पताल के उपयोग के लिए होना था और दूसरा यूनिवर्सल नंबर दिया जाना था।

 

सभी बड़े अस्पतालों में संचालित

ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर देश के लगभग सभी बड़े अस्पतालों में संचालित होता है। जिससे मरीजों को राहत भी मिलने लगी है। एमवाय अस्पताल ओपीडी में रोजाना करीब तीन हजार मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं, यदि यह सुविधा मिलने लगेगी तो संभाग भर के मरीजों को इससे लाभ मिलेगा।

 

दस्तावेज संभालने से भी मुक्ति

यह साफ्टवेयर यदि शुरू हो जाता है तो मरीज, नर्सिंग स्टाफ या डाक्टर को इलाज से जुड़े दस्तावेज संभालने से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी। अस्पताल आने वाले हर मरीज का एक यूनिवर्सल आईडी होगा। इसे साफ्टवेअर में डालते ही मरीज से जुड़ी हर जानकारी सामने आ जाएगी।