ED Summons to IAS : वीडियो वायरल होने पर ED ने IAS को समन भेजकर बुलाया!

बिचौलिए के घर के परिसर में बैठकर दस्तखत करते दिखाई दिए!

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ED Summons to IAS : वीडियो वायरल होने पर ED ने IAS को समन भेजकर बुलाया!

Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजीव अरुण एक्का को 15 मार्च, 2023 को उसके सामने पेश होने के लिए समन भेजा है। क्योंकि, झारखंड बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कथित तौर पर उन्हें बिचौलिए विशाल चौधरी के घर के परिसर में फाइलों पर हस्ताक्षर करते दिखाया गया। ध्यान देने वाली बात ये है कि विशाल चौधरी का नाम मनी लांड्रिंग मामले में IAS पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि एक्का से किस मामले में पूछताछ की जाएगी। जबकि, 5 मार्च को विवादास्पद वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार ने राजीव अरुण एक्का का कम महत्वपूर्ण विभाग (पंचायती राज) में तबादले के आदेश जारी कर दिए थे।

ये है पूरा मामला
राजीव अरुण एक्का को लेकर पिछले कई दिनों से लग रहे कयासों पर अब विराम लग गया। विशाल चौधरी से जुड़े प्रकरण में आखिरकार राजीव अरुण एक्का से ED ने पूछताछ का मन बना ही लिया। राजीव अरुण एक्का को ED ने समन जारी कर बुधवार को दिन के 11 बजे पूछताछ के लिए एजेंसी के दफ्तर बुलाया है।

निशाने पर थे राजीव एक्का
विशाल चौधरी के घर सरकारी फाइल निपटाते हुए वीडियो वायरल होने के बाद राजीव अरुण एक्का विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर राजीव अरुण एक्का पर जांच करवाने की मांग की थी। वहीं ईडी में भी इसकी शिकायत की गई थी। गौरतलब है कि राजीव वर्मा भी विशाल चौधरी की वजह से ही ईडी के रडार पर आए हैं।

झारखंड कैडर के कई आईपीएस और आईएएस अधिकारियों से विशाल चौधरी से बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं। विशाल चौधरी बिहार के मुजफरपुर का रहने वाला है। उसे एक्का का सबसे करीबी माना जाता है। विशाल चौधरी के घर के एक वीडियो वायरल होने के बाद ही राजीव अरुण एक्का को CM के प्रमुख सचिव के पद से हटा दिया गया था। बड़े अधिकारियों का अपने सर पर हाथ पाकर विशाल चौधरी रियल स्टेट के साथ-साथ कौशल विकास स्वास्थ्य, उत्पाद विभाग से जुड़े बड़े कारोबार में शामिल रहा है।

अधिकारियों के एक वर्ग ने अनुमान लगाया था कि एक्का को ईडी द्वारा तलब किए जाने की संभावना है, ऐसे में राज्य सरकार का काम प्रभावित नहीं होगा। झारखंड कैडर के अधिकारियों की दुर्दशा खत्म होने का नाम नहीं ले रही। क्योंकि, विनय कुमार चौबे भी ईडी के निशाने पर हैं।