Face Blindness : कोविड के लंबे संक्रमितों को चेहरे पहचानने में भी परेशानी संभव!
New Delhi : एक ताजा स्टडी के अनुसार लंबे समय तक COVID संक्रमण के कारण कुछ लोगों में प्रोसोपेग्नोसिया (Prosopagnosia) हो सकता है। इसे सामान्य तौर पर ‘फेस ब्लाइंडनेस’ के रूप में जाना जाता है। ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक’ ने फेस ब्लाइंडनेस को चेहरे को पहचानने में असमर्थता वाले ‘न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर’ के रूप में परिभाषित किया है। जर्नल Cortex में प्रकाशित इस स्टडी के अनुसार, कोविड के लक्षणों के बाद कुछ लोगों में चेहरे को पहचानने और नेविगेशन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कोविड पर यह स्टडी 28 साल की एनी नाम की महिला पर केंद्रित था, जो मार्च 2020 में कोविड संक्रमित हो गई थी। इससे पहले एनी को चेहरे पहचानने में कोई परेशानी नहीं हुई थी। लेकिन, वायरस के संपर्क में आने के दो महीने बाद उसे अपने करीबी परिवार के सदस्यों को भी पहचानने में परेशानी महसूस होने लगी।
एक मौके पर तो एनी ने बताया कि जब वह एक रेस्तरां में पास से गुज़री तो अपने पिता के चेहरे को पहचानने में असमर्थ थी। एनी ने बताया कि उसे ऐसा लगा कि मेरे पिता की आवाज एक अजनबी के चेहरे से निकल रही है। उसने शोधकर्ताओं को बताया कि अब वह पहचान के लिए लोगों की आवाज पर निर्भर करती है। एनी ने कोविड संक्रमण के बाद ‘नेविगेशनल डेफिसिट’ (दिशा संबंधी बोध का अभाव) की भी समस्या हुई। उसने बताया कि वे अब एक किराने की दुकान के जरिए अपना रास्ता खोजने की कोशिश करती हैं।
कोविड वाले 54 लोगों की प्रतिक्रिया
शोधकर्ताओं ने लांग कोविड वाले 54 लोगों की प्रतिक्रिया ली, तो पाया कि इसमें से अधिकांश ने दृश्य पहचान (Visual Recognition) और नेविगेशन क्षमताओं के साथ समस्याओं (Navigation Abilities) के बारे में बताया। स्टडी में शोधकर्ताओं ने लिखा कि एनी के परिणाम बताते हैं कि COVID-19, गंभीर न्यूरोसाइकोलॉजिकल समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि High-level Visual Impairments लंबे समय तक COVID की समस्या से जूझने वालों लोगों असामान्य नहीं है।
Randeep Guleria said- H3N2 वायरस से निपटने के लिए कोविड के अनुकूल व्यवहार जरूरी