Fake Degree Case : फर्जी डिग्री और मार्कशीट कांड में कई बड़े नाम सामने आना बाकी! 

डिग्री फर्जी है फिर भी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर दिख रही, कोचिंग वालों पर भी शक!

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Fake Degree Case : फर्जी डिग्री और मार्कशीट कांड में कई बड़े नाम सामने आना बाकी! 

Indore : फर्जी मार्कशीट कांड में एक नया खुलासा हुआ। आश्चर्य वाली बात ये है कि जब डिग्री फर्जी है, तो वो यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर कैसे दिखाई दे रही है। पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी कि इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं। संदेह यह भी है कि क्या अपने स्टूडेंट्स को टॉप करवाने के लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट भी इस गिरोह से मदद ले रहे थे। इसके बाद पुलिस की जांच का दायरा अब बढ़ गया है।

पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया कि मार्कशीट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट्स पर ऑनलाइन दिख रही है, पर असली नहीं है। ऐसे कई मामले हैं जिनमें स्टूडेंट को बिना परीक्षा दिए ही पास करवाया गया। अब पुलिस इसमें सायबर टीम की भी मदद लेगी। इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि फर्जी मार्कशीट ऑनलाइन कैसे जारी हुई। पुलिस को शक है कि इसमें संबंधित यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस मामले में आशीष इस फर्जीवाड़े में प्रमुख नाम है, जो भंवरकुआ इलाके में सक्रिय था। कई कोचिंग वाले इसके संपर्क में थे।

अभी तक चार आरोपी सामने आ चुके हैं। इंदौर के दिनेश तिरोले और उज्जैन के मुकेश राठौर के बाद दो अन्य आरोपियों मुकेश तिवारी और नीतेश शर्मा से भी पुलिस पूछताछ की गई। मुकेश अन्नपूर्णा क्षेत्र में कोचिंग क्लास संचालित करता है। जबकि, नीतेश शर्मा ने रणजीत हनुमान मंदिर रोड पर वैष्णव कॉलेज के आसपास अपना नेटवर्क बनाया है। मुकेश और नीतेश का यहां गिरोह एक्टिव था। वे स्टूडेंट्स की रेकी करते रहते थे, मौका देखकर उसे ऑफर देते। कुछ स्टूडेंट भी दूसरों को इस गिरोह से मिलवाकर कमीशन लेते थे।

 

ऐसे हुआ मामले का खुलासा 

फर्जी मार्कशीट कांड का पर्दाफाश आशीष श्रीवास्तव ने किया। उसने पुलिस को शिकायत की, उसके बाद विजयनगर पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया। दिनेश तिरोले ने स्टूडेंट आशीष श्रीवास्तव को 45 हजार रुपए में ग्रेजुएशन की तीनों साल की मार्कशीट बनाकर देने की बात कही थी। इसके लिए 10 हजार रुपए लिए गए। आशीष ने फर्जी मार्कशीट मिलने पर विजय नगर थाने में शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने दिनेश को पकड़ा और पूछताछ की, तो उसने गिरोह में शामिल उज्जैन के मनीष राठौर, मुकेश तिवारी, नीतेश शर्मा के नाम बताए जिन्हें गिरफ्तार किया गया। इन्होने 5 साल से इस गोरखधंधे का रैकेट चलाने की बात स्वीकार की। इस दौरान एक हजार से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बनाकर लाखों रुपए वसूले गए। इसके बाद सारे मामले का खुलासा हुआ।

 

पूछताछ में कई नाम सामने आए 

दिनेश तिरोले ने पुलिस को कई बड़े लोगों के नाम भी बताए। लेकिन, पुलिस ने अभी इनका खुलासा नहीं किया। कुछ लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पकड़े गए चारों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है। मनीष राठौर खुद को डॉक्टर लिखता है। नीतेश के पिता कारोबारी हैं। पुलिस ने 500 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट इनके पास से जब्त भी की। लेकिन, जिन स्टूडेंट ने मार्कशीट बनवाई उन्हें इस फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं थी। वे सभी अब थाने के चक्कर लगा रहे हैं। विजयनगर पुलिस रोजनामचे में सभी स्टूडेंट के नाम पते नोट करके पूछताछ के बाद उन्हें जाने दे रही है।

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टॉपर के लिए फर्जीवाड़ा 

पुलिस के सामने दामोदर गुप्ता, उमेश, सुमित चौहान, मयंक और आशीष जैसे नाम भी सामने आए। ये सभी भंवरकुआं और अन्य जगहों में कोचिंग क्लास चलाते हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ कोचिंग संचालक अपने यहां के स्टूडेंट को टॉपर बनाने के लिए इस गिरोह से फर्जी मार्कशीट बनवा देते थे। पता चला है कि कुछ मार्कशीट दिल्ली से भी बनवाई गई।