Financial Condition of Independent MLA : निर्दलीय MLA कमलेश्वर उतने गरीब नहीं, जितने प्रचारित किए जा रहे!

जानिए अपने हलफनामे में इस निर्दलीय MLA ने क्या-क्या खुलासा किया!

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Financial Condition of Independent MLA : निर्दलीय MLA कमलेश्वर उतने गरीब नहीं, जितने प्रचारित किए जा रहे!

Bhopal : रतलाम की सैलाना विधानसभा सीट से जीते ‘भारत आदिवासी पार्टी’ के उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार की जीत अपने आप में अनोखी है। वे मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीट पर अकेले ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को शिकस्त दी। इसके बाद उनका बाइक से विधानसभा में दस्तावेज जमा कराने आना भी अनोखा प्रयोग था। बाइक के आगे MLA लिखवाकर वे एक साथी के साथ भोपाल पहुंच गए। लेकिन, उन्हें जितना गरीब प्रचारित किया जा रहा, वो सही नहीं है। उनके पास भले करोड़ों रूपए नहीं है, पर लाखों तो हैं। कृषि भूमि भी है और एक प्लॉट भी। उन पर 15 आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।

विधानसभा निर्वाचन के दौरान जमा कराए गए नामांकन के साथ बतौर दस्तावेज संलग्न किए गए हलफनामे (एफिडेविड) से इस बात का खुलासा होता है कि कमलेश्वर डोडियार के बैंक खाते में 5 लाख 30 हजार रूपए और उनकी पत्नी खाते में 2 लाख 2 हजार रूपए जमा हैं। इसके अलावा उनके पास कृषि भूमि और एक प्लॉट भी है। कृषि भूमि (0.310 हेक्टेयर) की अनुमानित लागत हलफनामे में 3 लाख और प्लॉट की अनुमानित कीमत 7 लाख रूपए बताई गई है।

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उनके पास 27 ग्राम की सोने की चेन है जिसकी अनुमानित कीमत पौने 2 लाख रूपए दर्ज की गई है। इसलिए ये कहना सही नहीं है कि वे बिल्कुल खाली हाथ हैं और उनके पास गुजारे के भी पैसे नहीं है। उन्होंने कर्ज लेकर चुनाव लड़ा ये सही है, पर अपने साले की बाइक पर ‘एमएलए’ लिखवाकर वे 330 किलोमीटर भोपाल आए, इसमें शंका है। क्योंकि, हलफनामे में उन्होंने मोटर साईकिल होने का जिक्र किया और उसका नंबर (MP-43 DS 2702) भी लिखा है। इसी साल (2023) में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है।

राजनीति के लिए नौकरी नहीं की

कमलेश्वर का सिलेक्शन 2016 में भोपाल नगर निगम में राजस्व निरीक्षक पद के लिए हुआ था। लेकिन चुनाव लड़ने के खातिर उन्होंने नौकरी नहीं की। इसके बाद वे लगातार राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहे। कमलेश्वर डोडियार बहुत गरीब परिवार से आते हैं. उनका पूरा परिवार एक झोपड़ी में रहता है। बताया गया कि कमलेश्वर डोडियार का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा। उनकी आर्थिक हालत काफी कमजोर है। पढ़ाई पूरी करने के लिए मजदूरी से लगाकर डिलीवरी बॉय तक का काम किया। परिवार कच्चे मकान में रहता है। चुनाव प्रचार के लिए उन्होंने कर्ज लिया और उसे चुकाने के लिए नोतरा (आदिवासी समाज मेें आर्थिक मदद की प्रथा) की मदद ली। प्रचार के दौरान वे अपने साथ क्यूआर कोड लेकर चलते थे, ताकि लोग उनकी मदद कर सके।

बाइक से भोपाल तक का सफर

चुनाव जीतने के बाद उनको विधानसभा में दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए भोपाल आना था। इसके लिए वे अपने साले की मोटरसाइकिल पर एमएलए लिखवाकर भोपाल आए। इस दौरान उन्होंने हेलमेट भी नहीं पहना था। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मेरे पास अभी हेलमेट खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन बहुत जल्द खरीद लूंगा। जब वे चुनाव लड़ रहे थे, उस समय समर्थकों ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद वे मोटरसाइकिल पर विधायक लिखवाएंगे क्या? इस पर जैसे ही कमलेश्वर ने चुनाव जीता सबसे पहले मोटरसाइकिल पर एमएलए लिखवाया। इसके बाद अपने समर्थक के साथ भोपाल के लिए रवाना हुए।

हलफनामे में 15 मामलों का जिक्र

आदिवासी आंदोलनों में भाग लेने के कारण उन पर कई मामले दर्ज हैं। रतलाम, झाबुआ में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुए। रासुका और जिलाबदर भी हुए। हलफनामे में उन्होंने 15 मामलों का जिक्र किया है। वे कई बार जेल भी गए। वर्ष 2022 में उन पर रतलाम के थाने में एक युवती ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। बताते हैं कि इस लड़की से उनकी सगाई तय हुई थी। लेकिन, राजनीतिक कारणों से युवती के परिजन विवाह नहीं करना चाहते थे। इसके बाद विवाद हो गया और युवती ने केस दर्ज करा दिया। चुनाव से पहले युवती के भाई ने भी थाने में धमकी का केस दर्ज कराया था। इस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। नामांकन प्रक्रिया के सात दिन पहले ही कमलेश जेल से जमानत पर बाहर आए थे।