Fine On Insurance Company : दुर्घटना को आत्महत्या बताया, बीमा कंपनी पर जुर्माना!

कंज्यूमर फोरम ने EMI लौटाने, केस का खर्च चुकाने का आदेश दिया!

508

Fine On Insurance Company : दुर्घटना को आत्महत्या बताया, बीमा कंपनी पर जुर्माना!

Indore : सड़क दुर्घटना में एसएफ में पदस्थ एक हेड कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में कंज्यूमर फोरम ने मृतक की पत्नी को राहत दी। मृतक के 14 लाख के होम लोन इंश्योरेंस को कंपनी ने खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ मृतक की पत्नी ने कंज्यूमर फोरम में केस लगाया, जिसका फैसला मृतक की पत्नी के पक्ष।

महिला द्वारा पेश किए गए सबूतों को इंश्योरेंस कवर के लिए मजबूत आधार मानते हुए फोरम ने होम लोन इंश्योरेंस कंपनी को लोन की पूरी राशि व पत्नी द्वारा दो साल में अदा की गई 3 लाख रुपए की ईएमआई भी ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए। यह मामला इंदौर के एसएफ में पदस्थ हेड कांस्टेबल राधा कृष्ण मिश्रा (50 साल) का है। मृतक के परिवार में पत्नी रीता मिश्रा और 12 साल का बेटा है।

राधा कृष्ण मिश्रा ने अक्टूबर 2020 में एचडीएफसी बैंक से 14 लाख रुपए का होम लोन लिया था। इसी के साथ उन्होंने एचडीएफसी एर्गो जनरल से इस होम लोन का इंश्योरेंस कराया। वे हर महीने होम लोन की 11,279 रुपए की ईएमआई भर रहे थे। इस दौरान 16 दिसम्बर 2021 को भिंड के पास काबर नदी पर बस हादसे में उनकी मौत हो गई।

कंपनी ने दुर्घटना को आत्महत्या माना

पति की मौत के बाद पत्नी रीता ने होम लोन इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी। इस पर कंपनी ने अपनी तरफ से सर्वेयर से सर्च रिपोर्ट तैयार करवाने की बात कही। कुछ दिन बाद कंपनी ने होम लोन का इंश्योरेंस यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राधा कृष्ण मिश्रा की मौत बस हादसे से नहीं हुई, उन्होंने आत्महत्या की है। इसके बाद मृतक की पत्नी पर होम लोन की राशि चुकाने का दबाव बनाया गया। पीड़ित महिला हर माह होम लोन की ईएमआई चुकाती रही। इस बीच रीता मिश्रा ने अक्टूबर 2022 में डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम की शरण ली।

लोन की राशि और ईएमआई से राहत

कंज्यूमर फोरम ने प्रार्थी के एडवोकेट के तर्क और तथ्यों को मजबूत आधार मानते हुए इंश्योरेंस कंपनी को राधा कृष्ण मिश्रा द्वारा लिए गए होम लोन की पूरी राशि बैंक को चुकाने, पति की मौत के बाद पत्नी रीता द्वारा दो साल तक बैंक को ईएमआई के रूप में चुकाए गए करीब 3 लाख रुपए लौटाने का आदेश दिया। फोरम ने एक माह में राशि नहीं चुकाने पर 8% ब्याज देने के भी आदेश दिए। इसके अलावा पत्नी को हुए मानसिक संत्रास के लिए 50 हजार और केस पर खर्च हुए 25 हजार रुपए भी अदा करने का आदेश कंज्यूमर फोरम ने दिया।