

FIR Against Former IFS in EOW : अवैध नियुक्तियों और गबन के मामले में पूर्व IFS अधिकारी के खिलाफ EOW में प्राथमिकी दर्ज!
न्यायालय प्रथम श्रेणी भोपाल के निर्देशों के पालन में यह कार्रवाई की गई!
Bhopal : आजीविका मिशन में अवैधानिक नियुक्तियों के आरोप में पूर्व आईएफएस अधिकारी एवं तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के विरूद्ध न्यायालय प्रथम श्रेणी भोपाल के निर्देशों के पालन में ईओडब्ल्यू में प्राथमिकी दर्ज की गई। नेहा मारव्या (आईएएस) द्वारा प्रदेश शासन को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन एवं सीएजी रिपोर्ट के परीक्षण के आधार पर यह प्राथमिकी पंजीबद्ध की गई।
ललित बेलवाल पर पद का दुरूपयोग करते हुए सलाहकारों के पद पर अवैधानिक नियुक्तियों का आरोप है। बेलवाल ने स्कूल गणवेश की सिलाई एवं कम्युनिटी बेस्ड माइक्रो बीमा योजना एवं विकास खंड स्तर पर मशीनों को खरीदने में भी हेरा-फेरी का आरोप है। भोपाल के राजेश कुमार मिश्रा द्वारा ईओडब्ल्यू में की गई शिकायत और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं सीजेएम भोपाल से प्राप्त आवेदन पत्रों एवं निर्देशों के तारतम्य में शिकायतकर्ता द्वारा आरोपों के समर्थन में प्रस्तुत नेहा मारख्या तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने ललित मोहन बेलवाल (पूर्व आईएफएस) तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के विरूद्ध प्रारंभिक जांच पंजीबद्ध की।
यह सच्चाई पता चली जांच रिपोर्ट में
नेहा मारख्या द्वारा प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास को 8 जून 2022 को प्रेषित जांच प्रतिवेदन के अवलोकन एवं विस्तृत परीक्षण के बाद पाया गया कि तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल द्वारा प्रतिनियुक्ति के समय 2015 से 2023 के बीच अपने पद का दुरूपयोग करते हुए राज्य परियोजना प्रबंधक के पदों पर सलाहकारों की अवैध नियुक्तियां की गई। बेलवाल ने सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के निर्देशों को दर किनार करते हुए एवं संबंधित नस्तियों में छेड़छाड़ करते हुए तत्कालीन विभागीय मंत्री की आपत्तियों को भी नजरअंदाज करते हुये यह नियुक्तियां की।
मारव्या की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि जिस मानव संसाधन मार्गदर्शिका के नियमों के आधार पर स्वीकृत पदों के विरूद्ध बेलवाल ने नियुक्तियां की, वह मानव संसाधन मार्गदर्शिका तब अस्तित्व में नहीं थी। जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि अवैधानिक नियुक्तियों के साथ-साथ अन्य संवर्गों में लागू जीवन यापन लागत सूचकांक को बेलवाल ने नजरअंदाज करते हुए इन अवैध नियुक्तियों के मानदेयों में 40% तक की असम्यक बढ़ोत्तरी की गई।
इन लोगों की नियुक्तियां अवैध पायी गई
आरोप यह भी है कि बेलवाल ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिना अर्हता के सुषमा रानी शुक्ला एवं उनके परिवार के सदस्यों देवेन्द्र मिश्रा, अंजू शुक्ला, मुकेश गौतम, ओमकार शुक्ला एवं आकांक्षा पाण्डे की नियुक्तयां मिशन के विभिन्न पदों पर की। यह भी आरोप है कि बेलवाल ने अवैध तरीके से बिना शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के कम्युनिटी बेस्ड माइक्रो इंश्योरेश बीमा योजना के अंतर्गत, बीमा कराने के नाम पर 81,647 महिलाओं से प्रति महिला 300 रूपये प्राप्त कर किसी भी तरीके की बिना बीमा पॉलिसी दिए ₹1.73 करोड़ का गबन किया।
इस संबंध में न्यायालय के निर्देश के अनुसरण में नेहा मारव्या की विस्तृत जांच रिपोर्ट एवं राजेश कुमार मिश्रा के शिकायत पत्र के विस्तृत परीक्षण के बाद ललित मोहन बेलवाल (सेवा निवृत्त आईएफएस) तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन मध्यप्रदेश एवं अन्य के विरुद्ध ईओडब्ल्यू में प्रारंभिक जांच पंजीबद्ध की गई।