Food Science : “पापड़ खार{सज्जी खार},एक प्राकृतिक नमक”
डॉ. विकास शर्मा
क्या आपके T-पेस्ट में नमक है? ये तो बहुत सुना है लेकिन क्या आपको पता है, पेड़ पौधों में भी नमक होता है?
आज की पंचायत इसी पर, यानि पापड़ खार पर। वैसे आपको एक बात और बता दूँ, पेड़- पौधों में नमक होता है, पानी मे नमक होता है और तो और मिट्टी में भी नमक होता है।
नमक/खार/ salt शब्द से बड़ा पुराना नाता है। नमक बिल्कुल वही है जो आप पसीने में बहाते हैं। नमक वही है जो ईमानदारी का प्रतीक है, नमक वही है जिसके बिना दुनिया मे साक्षात स्वाद ही स्वयं बेस्वाद है। नमक वो है जिसकी कमी से न तो दिमाग सही तरीके से काम कर सकता है न ही दिल। अब इस बात से तो आप भी इत्तेफाक रखेंगे कि नमक छोटे मोटे ठग या रिश्वतखोरो की ढाल भी है, वे अक्सर कहते मिल जाएंगे कि आटे में नमक जितनी मिलावट करो तो रोटियाँ और स्वादिष्ट बनती हैं। इस तरह वे बड़े वालों से अपने आप को साफ सुथरा घोषित कर लेते हैं। है कि नही…?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग अपने शरीर के साल्ट का संतुलन बनाना याने पसीना बहाना और सही चीजें सही अनुपात में खाना जानते हैं, वे अक्सर निरोगी रहते हैं। साल्ट की कमी से या धिक साल्ट के नुकसान से चक्कर आने की शिकायत गर्मियों में बहुत आम है। शहरी लोग इसे एक्जर्शन कहते हैं। सोचिये जरा कि यह मामूली सा नमक आखिर कितना खास है।
पापड़ वैसे तो एक बहुत ही खास और प्रसिद्ध भारतीय स्नेक्स है। मुझे ये कहने में कोई हर्ज नही है कि स्नेक्स के मामले में भी हम पूरी दुनिया के बाप ही हैं। स्नेक्स की उत्पत्ति भारत मे ही हुई है। क्योंकि जब हम अलग अलग तरह के स्नेक्स और संरक्षित भोज्य पदार्थ खा रहे थे तब दुनिया के लोग पत्ते और खाल लपेटकर घूम रहे थे। पापड़ हमारे यहाँ गाँव देहात और शहरों में समृद्धि की निशानी माना जाता है। आपके यहाँ मेहमान आयें और भोजन के साथ पापड़ न परोसे जायें तो फिर- कुछ कमी से लगती है। इसी तरह आप कही बाहर भोजन करने गये है और पापड़ आर्डर न करें ऐसा हो नही सकता। और ऐसा न किये हों तो फिर, आपकी आप जानो। कोई होगा जो ये सोचता होगा कि – आपके अतिथ्य में कुछ कमी है।
खैर, आप क्या खाते हैं, क्या खिलाते हैं, यह आपका निजी विषय है। इस पर टिप्पणी करना किसी के लिए भी अनुचित है। है कि नही?
मैं आपको सिर्फ इतना बता रहा हूँ कि बाजार से मोल लाया हुआ पापड़ खार आपके पापड़ को अब घरेलु, या घर का नही रहने देता है। हाँ अगर आप भी हमारे गाँव की माताओं बहनों की तरह घर पर ही पापड़ खार बना लेते हैं तो फिर मामला ठीक है, और आपके कूटने, बेलने, सेकने और तलने की मेहनत सार्थक है। वरना फिर आपको मानना ही पड़ेगा कि पापड़ भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। और फिर बिल्कुल ये BP बढ़ाने में सहायक होंगे।
पापड़ बनाना बड़ा ही आसान है। और उससे भी आसान है पापड़ खार बनाना। सबसे पहले अलसी, चने, राई, धनिया, जगनी आदि फसलों जिनमे प्राकृतिक नमक पाया जाता है के सूखे हुए डंठलों को एकत्र कर लें। इन्हें जलाकर राख तैयार कर लें। इस राख को उठा लें और संभाल कर रख लें। खार बनाते समय एक कपड़े पर इसी राख के बीच में मैथी, थोड़ी सूखी हुई धनिया पत्ती, और चने की पत्तियाँ आदि रखकर पोटली बना दें। अब इस पोटली को किसी बर्तन में लटका दें। बर्तन में पानी भरकर चूल्हे पर रख दें और इतना उबलने दे कि पानी एक चौथाई रह जाये। पापड़ के आटे की घोंटने के लिए खार विलयन तैयार है। नमक अधिक तेज न हो जाये इसलिए विलयन को थोड़ा चखकर देख लें। हमारे गाँव देहात में यह कार्य कुशल फ़ूड इंजीनियर्स यानी बुजुर्ग माताओं के हवाले है तो इन्हें यह चखकर भी देखने की आवश्यकता नही होती है।
इस घोटे हुये आटे को खूट कहा जाता है। जिसे गर्मागर्म स्वल्पाहार की तरह सेवन भी किया जा सकता है। इसे थोड़ा ठंडा होने पर लोई बनाकर पापड़ बेल लिए जाते हैं। यह विधि चावल के पापड़ के लिए उत्तम है। क्योंकि उरद और चने के पापड़ का आटा बहुत ठोस व घी के साथ घन से कूट कूट का तैयार किया जाता है। खार के स्थान और मही और साधारण नमक का प्रयोग करेंगे तो फिर गेंहू, चावल, ज्वार और मक्के के पापड़ तैयार किये जा सकेंगे। अब इन सबके बीच चिकोडी की चर्चा न करियेगा, क्योंकि उसका पूरा गणित हो अलग है। आप सभी के द्वारा पोस्ट को सराहा गया तो प्रत्येक किस्म के पापड़ की तैयारी की पोस्ट अलग अलग करूँगा।
फिलहाल ये जान लें कि ये पापड़ खार न तो साधारण नमक -NaCl है और न ही रॉक साल्ट यानि सेंधा है बल्कि यह इन सबसे कई गुना अधिक है। इसमें कई वनस्पतियों के साल्ट का मिश्रण है . यह खारा भी है और खट्टा भी। इसीलिये कहता हूँ, पापड़ खाने का शौक है तो बनाना भी सीखो वरना फिर न कहना कि इस विरासत को भी बड़ी कंपनियों ने चुरा लिया।
पापड़ खार (या साजी खार) एक क्षारीय नमक है जो सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) और सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) से बना होता है. इसे सोडियम बेंजोएट भी कहते हैं. पापड़ खार एक मसाला है जिसका इस्तेमाल पापड़ बनाने में किया जाता है. यह पापड़ को कुरकुरा और फैलाने में मदद करता है. पापड़ खार को पानी में घोलकर आटे में मिलाया जाता है. पापड़ खार में 1.6-58.3% कार्बोनेट, 0-18.9% बाइकार्बोनेट, 1.2-72.0% क्लोराइड और 0-2.6% सल्फ़ेट होता है. पापड़ खार को खाने का परिरक्षक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता
अब चलते चलते एक कमाल की बात बताता हूँ आपको। आप ये तो जानते ही होंगे कि आज से लगभग 20 बरस पूर्व जब मैं गुरूदेव डॉ. Deepak Acharya जी के साथ पातालकोट जाता था, तब वहाँ पता चला कि कोई सड़क मार्ग या उचित मार्ग का विकल्प न होने के कारण पातालकोट के ग्रामवासी और आदिवासी बंधु कई कई महीनों अपने क्षेत्र से निकलकर नजदीकी बाजार तामिया नही आते थे। और आते भी थे तो सिर्फ नमक लेने। लेकिन नमक के लिए भी पैसों की आवश्यकता होती जो इनके पास होते नही थे, ऐसे में कई बार ये इसी तरह खार विधी से नमक बना लिया करते थे। आज के लिए इत्ता ही, बाकि की पंचायत किसी और दिन।
डॉ. विकास शर्मा
वनस्पति शास्त्र विभाग
शासकीय महाविद्यालय चौरई
जिला छिंदवाडा (म.प्र.)
{फेसबुक वाल से साभार}