Fraud By Government Employee : धोखाधड़ी करने वाले सरकारी मुलाजिम की अग्रिम जमानत खारिज!
Ratlam : शहर के सरकारी विभाग में कार्यरत कर्मचारी द्वारा एक व्यक्ति को जमीन बेचकर रुपए प्राप्त कर लेने के बाद वही जमीन दुसरे को बेचने का मामला सामने आया हैं। आरोपी द्वारा फरियादी से 20 लाख 76 हजार रुपए लेकर जमीन दुसरे को बेचकर अमानत में खयानत कर डाली। मामले में आरोपी के विरुद्ध शहर के स्टेशन रोड थाने पर अपराध दर्ज किया गया हैं। आरोपी ने न्यायालय में अग्रिम जमानत लगाई थी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दी।
*क्या हैं मामला!*
शहर की संयुक्त स्वामित्व की भूमि सर्वे सर्वे नम्बर 46/1/2 के रकबा 1000 हेक्टेयर तथा सर्वे नम्बर 46/1/1 ख रकबा 0.285 हेक्टेयर भूमि रतलाम में स्थित हैं। आरोपी अशफाक उल्ला द्वारा योगेश सुराणा को 25 लाख 76 हजार रुपए में विक्रय करने का अनुबंध करते हुए आरोपी को योगेश सुराणा ने 20 लाख 76 हजार रुपए नकद राशि और 5 लाख रुपए का एक्सीस बैंक का चेक क्रमांक 145356 नम्बर का दिया गया था।
24 हजार स्क्वायर फीट जमीन बेचने का अनुबंध करके 20 लाख रुपए लेने के बाद अन्य व्यक्ति को जमीन बेचकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी के विरुद्ध शहर के स्टेशन रोड थाने पर धारा 420, 406 में अपराध दर्ज किया गया था। प्रकरण में न्यायालय अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद श्रीवास्तव ने आरोपी अशफाक एहमद की अग्रिम जमानत निरस्त कर दी।
अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि आवेदक योगेश सुराणा निवासी जैन कॉलोनी रतलाम द्वारा एक आवेदन पत्र स्टेशन रोड थाने पर प्रस्तुत किया गया था कि आरोपी अशफाक अहमद द्वारा रतलाम में स्थित भूमि उसकी व उसके दो भाइयों की सामूहिक भूमि हैं, उक्त भूमि में से अशफाक ने अपने हक हिस्से की भूमि 24 हजार स्क्वायर फीट भूमि को 12 सौ रुपए स्क्वायर फीट के भाव से बेचने का अनुबंध 20/फरवरी/2019 को किया था व 20 लाख 76 हजार रुपए भी प्राप्त कर लिए थे, उसके बाद 6 जून 2022 को साजिशपूर्वक अंधेरे में रखकर उक्त भूमि दूसरे व्यक्ति को विक्रय कर दी थी। आवेदन की जांच स्टेशन रोड थाने के सहायक उप निरीक्षक हीरालाल चंदन द्वारा करते हुए जांच व प्राप्त दस्तावेजों से मामले में आरोपी के विरुद्ध धारा 420, 406 भारतीय दंड संहिता का प्रकरण पंजीकृत किया गया था। आरोपी अशफाक द्वारा न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
जमानत की सुनवाई के समय फरियादी योगेश सुराणा द्वारा भी जमानत पर आपत्ति प्रस्तुत की गई थी। इस पर न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया गया!
*क्या कहते हैं लोक अभियोजक!*
आरोपी जलसंसाधन विभाग में कार्यरत हैं। उसने इंजीनियर योगेश सुराणा के साथ धोखाधड़ी करते हुए 20 लाख से अधिक रुपए हड़प लिए हैं। आरोपी ने अग्रिम जमानत का आवेदन दिया था जो निरस्त किया गया हैं।
*लोक अभियोजक समरथ पाटीदार!*