मंत्रालय के गलियारे की गपशप: इस बार चौंकाने वाले होंगे IAS के तबादले

1188

मंत्रालय के गलियारे की गपशप: इस बार चौंकाने वाले होंगे IAS के तबादले

 

– विक्रम सेन

 

*इस बार चौंकाने वाले होंगे IAS के तबादले*

Additional Charge and Reshuffle of IAS Officers

आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन प्रशासनिक गलियारों की खबरों पर अगर भरोसा किया जाए तो इस बार मध्य प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में चौंकाने वाले तबादले देखने को मिलेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली तक शिकायत पहुंची है। बताया तो यहां तक जाता है कि दिल्ली हाई कमान से ही यह निर्देश मिले हैं कि इन अधिकारियों को हटाया जाए। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री भाजपा हाई कमान को कन्वेंस कर देते हैं या इन अधिकारियों को हटाते हैं?

 

IAS- IPS अधिकारियों की बड़ी तबादला सूची अगले सप्ताह 

Unfulfilled Plans of IAS-IPS

प्रदेश में बड़े प्रशासनिक और पुलिस फेरबदल की चर्चा है। कोई एक दर्जन कलेक्टर हटाए जा रहे है। कम महत्वपूर्ण जिलों में पदस्थ कलेक्टरों को, जिनका परफॉर्मेंस बेहतर माना जा रहा है, उन्हें बड़े जिलों की कमान सौंपने की तैयारी चल रही है। मंत्रालय स्तर पर भी बड़े फेरबदल हो सकते हैं। ऐसे अपर मुख्य सचिव जिनके पास दो-तीन विभागों का दायित्व है, उनसे एक दो विभाग लेकर प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को तैनात किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार प्रशासनिक और पुलिस सर्जरी को लेकर मुख्यमंत्री की मुख्य सचिव और डीजीपी से दो दौर की बातचीत हो चुकी है। मंत्रालय की खबरों पर अगर भरोसा किया जाए तो अगले सप्ताह कभी भी यह सर्जरी हो सकती है और इसमें कई नाम ऐसे देखने में मिलेंगे, जो चौंका सकते हैं। बस थोड़ा इंतजार कीजिए!

अब तीन दिन सरकार पचमढ़ी से चलेगी

IMG 20250614 WA0005

भारतीय जनता पार्टी का प्रशिक्षण वर्ग आज से पचमढ़ी में शुरू हो रहा है इस वर्ग का शुभारंभ 14 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। जबकि, 16 जून को समापन केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस प्रशिक्षण वर्ग में प्रदेश के सभी सांसद और विधायक तीनों दिन उपस्थित रहकर भागीदारी निभाएंगे। मुख्यमंत्री भी आज से 3 दिन तक पचमढ़ी में ही रहकर सभी सांसदों और विधायकों से रूबरू चर्चा करेंगे। मंत्रिमंडल के सभी सदस्य भी इस दौरान पचमढ़ी में ही रहेंगे। यानी अब सरकार 3 दिन तक पचमढ़ी से ही चलने वाली है। अधिकारी आवश्यक फाइलों को लेकर पचमढ़ी आते जाते रहेंगे।

इस दिन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री से लेकर कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भाग लेकर सांसदों और विधायकों को मंत्र देंगे।

मंत्रिमंडल में फेर बदल की चर्चा

Singrauli Borewel Miahap- CM's Big Action:

प्रदेश की राजनीति में इन दिनों मंत्रिमंडल के फेरबदल की चर्चा भी चल रही है। अंदर खाने की खबरों पर अगर भरोसा किया जाए, तो इस महीने के अंत तक मंत्रिमंडल में छोटा-मोटा फेरबदल हो सकता है। दो मंत्रियों को हटाने की चर्चा है और चार नए मंत्रियों को लेने की चर्चा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा जोरों पर है। कुछ मंत्रियों के विभागों के बदलने की भी चर्चा है।

बताया गया है कि मुख्यमंत्री अगले सप्ताह दिल्ली में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे और हाई कमान की हरी झंडी मिलने के बाद इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।

000

संगठन सृजन’ से प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी कितनी थमेगी!

congress 6502 1024x683 1

अपने दम पर केवल तीन (हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक) की सत्ता तक सिमटकर रह गई कांग्रेस में नई उमंग भरने की कोशिश में है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मैदान में उतर आए हैं। राहुल गांधी ने पार्टी के लिहाज से ट्रबल मेकिंग स्टेट्स पर फोकस कर दिया है। राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों का दौरा भी किया। मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले राज्य में कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या गुटबाजी भी है। प्रदेश कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव से अब तक करीब सात साल में 6 प्रभारी मिल चुके हैं। इसे भी गुटबाजी से ही जोड़कर देखा जाता है। कांग्रेस प्रदेश इकाई में गुटबाजी इस कदर हावी है कि कोई प्रभारी जब तक प्रदेश की राजनीति समझ पाता है, उसे हटा दिया जाता है।

जीतू पटवारी को पार्टी में ही उतना सहयोग नहीं मिलने की बातें आती रही हैं, जितना सहयोग उन्हें मिलना चाहिए। वैसे भी वे पार्टी के साथ साथ अपनी विधानसभा सीट मजबूत करने में व्यस्त रहते हैं। इसलिए वे गुटबाजी पर बोलकर हालात और खराब नहीं करना चाहते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों की बगावत के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने को लेकर कई बार अपना दर्द जाहिर कर चुके हैं। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, उमंग सिंगार, जीतू पटवारी, अजय सिंह राहुल, अरुण यादव जैसे नेताओं के गुट में बंटे नजर आते हैं। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान को गुटबाजी से पार पाने की कवायद के रूप में ही देखा जा रहा है।

दरअसल, अभी तक पार्टी में जिला अध्यक्ष की कुर्सी तक वही नेता पहुंच पाते थे, जो प्रदेश अध्यक्ष से जुड़े हों। इससे गुटबाजी को और हवा मिलती थी। जिलाध्यक्षों की निष्ठा संगठन की जगह नेता के प्रति अधिक होती थी। कांग्रेस संगठन सृजन अभियान से राहुल गांधी कांग्रेस में गुटबाजी की पहेली कितना सुलझा पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

000