Hearing on Judges’ Dispute Today : दो जजों के विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में विशेष सुनवाई!
New Delhi : कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय के अन्य जजों पर लगाए आरोपों पर स्वतः संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ समेत पांच जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ समेत पांच जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। यह सुनवाई सुबह साढ़े दस बजे शुरू होगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने आरोप लगाए हैं कि उनके सहयोगी जज सोमेन सेन एक राजनीतिक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। इस पर विवाद बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई के लिए शनिवार (27 जनवरी) को विशेष सुनवाई निर्धारित की है। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के पांच सीनियर जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करने वाली है। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एकल जज पीठ ने मेडिकल एडमिशन में कथित अनियमितता के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिए थे। जिस पर जस्टिस सोमेन सेन की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी थी।
इस पर जस्टिस अभिजीत ने डिवीजन बेंच के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक के आदेश के बावजूद फिर से सीबीआई जांच के आदेश दिए, साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले को देखने की अपील की थी। जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा। जस्टिस गंगोपाध्याय ने ये भी सवाल किया है कि जस्टिस सोमेन सेन को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने साल 2021 में ही ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी, लेकिन इसके बावजूद जस्टिस सोमेन सेन अब तक कलकत्ता हाईकोर्ट में क्यों हैं?
जस्टिस गंगोपाध्याय ने जस्टिस सोमेन सेन की एक कथित निजी चैट का भी खुलासा किया, जिसमें उन्होंने जस्टिस अमृता सिन्हा को अपने चेंबर में बुलाकर कहा था कि अभिषेक बनर्जी का राजनीतिक भविष्य है और उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस सिन्हा ने कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मामले की जानकारी दी थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने बाद में इसकी जानकारी देश के मुख्य न्यायाधीश को भी दी थी।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि उनके सहयोगी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, अगर सुप्रीम कोर्ट का भी ऐसा ही विचार है तो! न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश कि एक प्रति भारत के चीफ जस्टिस और कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजने का निर्देश दिया था।