यहां गुजरात में तो भाजप ही जीतेगी … मोदी का चेहरा सबके दिल में बसा है…

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गुजरात की जनता के दिल में मोदी का चेहरा बसा है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री कौन बन रहा है और किसको हटाया जा रहा है, गुजरात की जनता का ध्यान इस तरफ बिलकुल नहीं जाता। मोदी के चेहरे के साथ उनमें सुरक्षा का भाव, विकास का भरोसा और सामाजिक संतुलन की तस्वीर नजर आती है। यह धारणा पक्की है कि मोदी देश चला रहे हैं और गुजरात उनके इशारे पर ही चल रहा है।
मुख्यमंत्री बिना मोदी के कोई फैसला नहीं कर सकते, तो कोई गड़बड़ भी नहीं कर सकते…गुजरात की जनता यह भलीभांति जानती है। और यही वजह है कि दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव की बात किसी से भी करें, तो एक ही जवाब मिलता है कि साहब यहां तो भाजप के अलावा कोई और सरकार नहीं बना सकता। जिनके मन में थोड़ा भाजप से कड़वाहट है, वह भी कहते हैं कि भाजप ही रहेगी…पर उनके मन में कांग्रेस के खत्म होने की बात पुख्ता है, तो अब आम आदमी पार्टी से थोड़ी बहुत उम्मीद जरूर नजर आ रही है। पर मोदी का प्रभाव और भाजप की सरकार को लेकर किसी के मन में कोई संशय नहीं है।
इसी साल यानी 2022 में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव हो चुके हैं। पंजाब में आप और बाकी चार राज्यों में भाजपा की सरकार बन चुकी है। अब दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव हैं। इसी साल हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव हैं। सभी पार्टियों के नेता राज्यों का दौरा करने लगे हैं और एक तरीके से चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
खुद मोदी भी पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद गुजरात में सक्रिय हो गए हैं और एक बड़ी सभा को संबोधित कर चुके हैं। गुजरात विधानसभा में 182 सदस्य हैं। 7 अक्टूबर 2001 से 22 मई 2014 तक नरेंद्र मोदी चार बार और 12 साल 227 दिन गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। और यह 12 साल गुजरात की तस्वीर बदलने वाले रहे हैं। इसके बाद आनंदीबेन पटेल, विजय रूपाणी मुख्यमंत्री रहे, तो अब 13 सितंबर 2021 से भूपेंद्र भाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। पर कुर्सी पर कोई भी बैठा हो और मोदी जैसा काम भी न कर पा रहे हों, लेकिन मोदी इंपेक्ट सीधा गुजरात की जनता के दिल पर अब भी राज कर रहा है। और यही वजह है कि 21वीं सदी में गुजरात ने मोदी के आने के बाद भाजप से मुंह नहीं फेरा है।
हमने गांधीनगर-अहमदाबाद में जितने भी लोगों से बात की, उनमें महिलाएं, युवा, बुजुर्ग, हिंदू-मुस्लिम सभी शामिल हैं। जिनसे बात की, वह गुजरात के अलग-अलग शहरों के निवासी थे। कोई सूरत, कोई भावनगर, कोई अहमदाबाद तो कोई गांधीनगर का निवासी तो कोई राजकोट और अलग-अलग शहरों से थे बाकी। आश्चर्य की बात यह है कि जिससे भी पूछा, उसके मुंह से सिर्फ एक ही शब्द निकला कि गुजरात में तो भाजप ही सरकार बनाएगी। गुजराती नागरिक भाजपा को भाजप के नाम से ही संबोधित करते हैं। महिलाओं का पहला सरोकार यह था कि मोदी के पहले महिलाओं का रात में घर से निकल पाना दूभर था। पर जबसे मोदी जी आए, तब से महिलाएं सुरक्षित हैं।
रात में 12 बजे भी निकलें, तो भी कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। नौकरीपेशा का मत है कि मोदी जी काम ज्यादा कराते हैं लेकिन चलेगा, विकास और समग्र बदलाव मोदी की ही देन है। युवाओं का मानना है कि मोदी के रहते कोई समस्या नहीं है। गुजरात ने हर क्षेत्र में विकास और तरक्की की नई इबारत लिखी है। यहां तक कि मुस्लिमों का यही कहना है कि भाजप ही वापस आएगी। तो एक और उथला सा मत आया कि “आप” यानि केजरीवाल साहब के दल से कुछ उम्मीद है। पर सरकार तो भाजप ही बनाएगी…। कांग्रेस खत्म हो चुकी है,उसके सारे नेता तितर-बितर हो चुके हैं। अब आप कितना जोर मार पाती है, यह इस चुनाव में सामने आ जाएगा। तो यही माना जा सकता है कि मोदी का असर बरकरार है, तब तक यही मानिए जनाब कि गुजरात में सौ फीसदी भाजप की ही सरकार है।