IAS अरविंद सिंह को हाईकोर्ट ने ₹5 लाख का जुर्माना लगाया, गिरफ्तार करने के भी दिए आदेश
इलाहाबाद/कानपुर : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के अधिकारी अरविंद सिंह पर 5 लाख का जुर्माना किया है। बताया गया है कि जवाहर विद्या समिति विद्यालय से जुड़े भूखंड मामले में उन्हें हाईकोर्ट ने गिरफ्तार कर पेश करने का भी आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने IAS अरविंद सिंह पर सख्त कार्रवाई की है। जवाहर विद्या समिति विद्यालय से जुड़े प्लॉट आवंटन मामले में उन पर हाईकोर्ट ने 5 लाख जुर्माना ठोका। अरविंद सिंह कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) के वीसी (उपाध्यक्ष) हैं।
प्लॉट आवंटन को लेकर एक मामले में उपभोक्ता फोरम में उनके पेश न होने पर गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसे लेकर प्राधिकरण ने हाईकोर्ट में आदेश के विरूद्ध अपील दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तल्ख तेवर दिखाए और वीसी की याचिका को खारिज कर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया।
अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट ने प्राधिकरण के विरूद्ध फैसला सुनाया। साथ की पुलिस कमिश्नर को भी आदेश दिए कि KDA वीसी को उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत करें। आदेश की कॉपी पहुंचते ही उपभोक्ता फोरम द्वारा दी गई अगली तारीख में केडीए वीसी को कोर्ट में प्रस्तुत होना होगा।
39 साल से KDA से लड़ाई
19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्गमीटर का एक प्लॉट जूही कलां में जवाहर विद्या समिति को आवंटित किया गया था। प्लॉट पर कब्जा न मिलने पर जिला उपभोक्ता फोरम में की गई अपील पर 19 साल बाद आदेश दिया गया कि एक माह के भीतर रजिस्ट्री कराकर समिति को भूखंड का कब्जा दिया जाए। इसके बाद भी कब्जा न मिलने से जिला उपभोक्ता आयोग (पूर्व जिला उपभोक्ता फोरम) 15 जुलाई 2022 को 25 दिन में कब्जा दिलाने का आदेश दिया। KDA ने राज्य उपभोक्ता आयोग फिर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में अपील की, लेकिन अपील खारिज हो गई।
KDA की याचिका हो चुकी
समिति के अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि इसके बाद केडीए ने 2020 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। लेकिन, यह भी खारिज हो गई। इसके बाद तत्कालीन केडीए उपाध्यक्ष आरके सिंह ने 11 जनवरी 2021 को समिति को एक पत्र भेजकर तत्काल रजिस्ट्री कराने को कहा था। KDA ने समिति के प्रबंधक सुधीर प्रकाश शुक्ला के नाम रजिस्ट्री कर दी। एक माह में कब्जा लेने के लिए पत्र भी दे दिया गया, लेकिन इसी बीच KDA उपाध्यक्ष का ट्रांसफर हो गया।
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