

High Court’s Strong Comment on IPS : हाई कोर्ट ने भोपाल DIG मयंक अवस्थी पर सख्त टिप्पणी की, 5 लाख का जुर्माना!
Bhopal : भोपाल के डीआईजी मयंक अवस्थी पर ग्वालियर हाई कोर्ट ने ग्वालियर में हुई एक हत्या के मामले में कॉल डिटेल छुपाने पर कार्रवाई के आदेश दिए! हाई कोर्ट ने डीआईजी भोपाल के खिलाफ विभागीय जांच और अवमानना केस चलाने के आदेश देते हुए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना से जवाब मांगा है कि क्या मयंक अवस्थी जैसे अधिकारी को विभाग में बने रहना चाहिए या नहीं। इस पर चार सप्ताह में जवाब मांगा गया।
बताया गया कि कोर्ट को झूठी जानकारी दी गई कि हत्या के मामले से जुड़ा कॉल डिटेल रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है। हाई कोर्ट ने डीआईजी भोपाल को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति जमा करने के भी आदेश दिए। मामला तब का हैं जब डीआईजी भोपाल मयंक अवस्थी दतिया के एसपी थे। हाई कोर्ट ने माना कि यहां पदस्थ रहते हुए उन्होंने ट्रायल कोर्ट को झूठी जानकारी दी कि हत्या के मामले से जुडा कॉल डिटेल रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है। जबकि, पुलिस ने कहा था कि वह डेटा सहेजना ही भूल गई।
रिपोर्ट के मुताबिक ग्वालियर मर्डर केस की जांच में तथ्य सामने आया कि गत 17 सितंबर 2018 को रिकॉर्ड सुरक्षित रखने संबंधी जानकारी एसपी को भेज दी गई थी। फिर भी कोर्ट को गलत जानकारी दी गई। कोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं और उन्हें फील्ड पोस्टिंग दी जा सकती है?
हत्या के इस मामले में आरोपी बनाए गए याचिकाकर्ता मानवेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने उसे झूठा फंसाया और जरूरी मोबाइल डेटा नष्ट कर दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने डीआईजी अवस्थी के खिलाफ विभागीय जांच और अवमानना की कार्रवाई के आदेश दिए। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जारी आदेश में डीआईडी भोपाल मयंक अवस्थी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के लिए जमा करने के आदेश दिए। हाई कोर्ट के आदेश के बाद उनकी मुसीबतें बढ़ गई। क्योंकि, उनके खिलाफ विभागीय जांच के साथ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने के भी आदेश दिए गए। अब उनकी फील्ड पोस्टिंग भी खतरे में आ गई।