Human Rights Commission : मानव अधिकारों का हनन हुआ, 20 हज़ार का भुगतान करें!

बजट के अभाव के कारण पेंशनर के इलाज में कोई रुकावट न आए

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Human Rights Commission : मानव अधिकारों का हनन हुआ, 20 हज़ार का भुगतान करें!

Bhopal : मप्र मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर जिले के एक मामले में आवेदक की पत्नी सुदामा तिवारी के मानव अधिकारों का हनन होना पाया। इस पर आयोग ने राज्य शासन को पीड़िता को 20 हजार रुपए क्षतिपूर्ति राशि एक माह में भुगतान करने को कहा है।

आयोग ने यह भी कहा है कि पेंशनर को हायर ट्रीटमेंट सेंटर या शासकीय अस्पताल द्वारा प्रिसक्राइब्ड दवा यदि मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ कॉरपोरेशन लिमिटेड में एमपी औषधि पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हो पाती हैं, तो नियमानुसार उसे स्थानीय बाजार से क्रय कर मरीज को कम से कम अवधि में उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। बजट के अभाव के कारण पेंशनर के इलाज व उपचार में रुकावट न आए, इसके लिए शासन अपने वैधानिक दायित्व अंतर्गत शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त बजट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने प्रकरण क्र. 0096/जबलपुर/2021 में यह अनुशंसा की है। इस मामले में पीड़िता के पति (आवेदक) रामनरेश तिवारी ने आयोग में आवेदन लगाया था कि उसे 16 हजार रुपए पेंशन मिलती है। उसकी पत्नी सुदाम तिवारी का ओपन हार्ट सर्जरी में वाल्व बदला गया था। मई 2020 में दो और वाल्व खराब हो गए। इलाज मेडिकल काॅलेज के सुपर स्पेशिलिस्ट में चल रहा है।

इन्होंने जो दवाईयों की सूची दी है, वे अस्पताल में नहीं मिल रहीं। इससे उन्हें कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ रहा है। पत्नी के इलाज के लिए उन्हें अत्यंत आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, उन्हें न्याय दिलाया जाए। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्जकर अधीक्षक, मेडिकल काॅलेज जबलपुर से प्रतिवेदन मांगा। आयोग द्वारा मामले की निरंतर सुनवाई की गई। अंततः यह अंतिम अनुशंसाएं की गई हैं।