वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
भोपाल: सीधी जिला मुख्यालय की कोतवाली थाना पुलिस ने आठ युवकों के न केवल कपड़े उतरवाए, बल्कि उनके अर्धनग्न फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी करवा दिए। मामला सीधी के स्थानीय विधायक और उनके बेटे के खिलाफ सोशल मीडिया पर खबर प्रसारित करने से जुड़ा था। पुलिस ने पहले रंगकर्मी श्री नीरज कुंदेर को गिरफ्तार किया, तो उनके समर्थन में कुछ और युवक थाने पहुंच गए। लेकिन पुलिस ने उन सभी को हिरासत में लेकर उनका अर्धनग्न अवस्था का फोटो खींचा और वायरल भी कर दिया। मामले की शिकायत राजधानी (भोपाल) पहुंचने पर सीधी कोतवाली थाने के TI मनोज सोनी एवं एसआई अभिषेक सिंह को लाइन अटैच कर दिया गया है और मामले की जांच एडिशनल एसपी, सीधी को सौंप दी गई है।
*घटना बीते शनिवार (दो अप्रैल 2022) की है।*
मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने पुलिस महानिदेशक (DGP) मध्यप्रदेश और पुलिस महानिरीक्षक (IG) रीवा से एक सप्ताह में जवाब मांगा है।
सीधी में रंगकर्मी और एक्टिविस्ट नीरज कुंदर की गिरफ्तारी से मीडिया जगत , कला और साहित्य से जुड़े संगठनों में नाराजी देखी जा रही है । प्रदेश के कई स्थानों पर घटना के विरोध और पुलिस प्रताड़ना के खिलाफ प्रदर्शन कर कड़ी कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंपे गए हैं ।
मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने पर TI और एसआई को लाइन अटैच जरूर कर दिया है, पर कांग्रेस और अन्य संगठनों ने इसे नाकाफ़ी बताया ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव , प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने पुलिस के कृत्य को मानवीय अधिकार का हनन निरूपित किया है ।
एडीजी पुलिस के पी वेंकटेश्वर राव द्वारा पुलिस के किये कृत्य पर बचाव के बयान को विधि जानकारों ने अनुचित बताया है ।
अब एक सप्ताह में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल सुधीर सक्सेना से जवाब तलब किया है ।