MP के पूर्व IAS अफसर विनोद शर्मा के साथ 25 लाख रुपये की ठगी कर गायब हो गए पति-पत्नी !

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MP के पूर्व IAS अफसर विनोद शर्मा के साथ 25 लाख रुपये की ठगी कर गायब हो गए पति-पत्नी

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त रहे  पूर्व आईएस विनोद शर्मा के साथ 25 लाख रुपये की ठगी हुई है. असम के पति-पत्नी ने प्लायवुड कंपनी में साझेदार बनाने के नाम पर  इतनी बड़ी ठगी की है. इतना ही नहीं दोनों पति-पत्नी ये ठगी कर गायब हो गए. इसके बाद जब पूर्व आईएएस अफसर को अहसास हुआ तब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की.

ये है मामला

असम के रहने  कुलरंजन बरुआ ने पूर्व निगम आयुक्त व मुरैना सहित प्रदेश के कई जिलों मे  कलेक्टर रह चुके विनोद शर्मा से मिलकर  पहले उनका 10 हजार  वर्गफुट का प्लॉट किराए पर लिया. इसके बाद बड़े मुनाफे का लालच देकर कथित कंपनी रिद्धी डोर इंडस्ट्रीज में 50% का साझेदार बना लिया. कंपनी में जरूरत बताते हुए  कई बार विनोद शर्मा से रुपए चेक व नगद लिए. साथ ही प्लॉट का 50 हजार रुपए प्रतिमाह किराया भी नहीं दिया. पति-पत्नी, पूर्व कलेक्टर के साथ 25 लाख रुपए की ठगी कर अचानक  गायब हो गए. इतना ही नहीं विनोद शर्मा के परिचितों से भी ये आरोपी रुपये और सामान ले गए. साथ ही रुपये विनोद शर्मा से ले लेने की बात बोलकर गायब हो गए. विनोद शर्मा ने एसएसपी धर्मवीर सिंह को अपने साथ ठगी होने की शिकायत की थी.

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शिकायत के अनुसार उनके पुत्र श्रीकांत शर्मा व शरद शर्मा के नाम से सचिन तेंदुलकर मार्ग पर गोल्डन गार्डन के सामने 10,000 वर्गफुट का भूखंड की कुलरंजन बरुआ व उनकी पत्नी मोनिका ने किराए पर लिया था. दोनों पति-पत्नी बिलवारी पार्थ सरथाबरी बरपेटा असम के रहने वाले हैं. वह वर्तमान में पाम रेसीडेंसी कलेक्ट्रेट के पीछे  फ्लैट में रहते थे. कुलरंजन ने  प्लायवुड के कारोबार के लिए भूखंड चाहिए था. इस सिलसिले में उसके परिचितों ने विनोद शर्मा के प्लॉट को बताया. कुलरंजन को ये प्लॉट पसंद आने पर 2 अप्रैल 2024 को विनोद शर्मा के बेटे श्रीकांत व शरद के साथ कुलरंजन की पत्नी मोनिका बरुआ ने 50 हजार रुपए मासिक पर 11 माह का किरायानामा तैयार करके इसे ले लिया.

इस तरह झांसे में आए 

 कुलरंजन ने विनोद शर्मा का पहले विश्वास जीता, जब वह झांसे में आ गए तो कहा कि मेरे पास इस काम का बहुत  अनुभव है. उनसे कहा कि  आपको सिर्फ पार्टनर बनना है पूरा काम मैं संभाल लूंगा. कुलरंजन के भरोसे में आकर उसकी पत्नी मोनिका के साथ रिद्धी डोर इंडस्ट्रीज के नाम से 16 अप्रैल 2024 को पार्टनरशिप की. जिसमें दोनों 50-50 फीसदी  के हिस्सेदार  दर्ज थे.इस फर्म के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवाया. चेक बुक कुलरंजन अपने पास रखता था. उसने सामान खरीदी के लिए विनोद शर्मा से नगद व चेक से 25 लाख लिए. कंपनी शुरू होने के कुछ समय बाद दोनों पति-पत्नी भाग गए.

विनोद शर्मा को इनकी काली करतूत का पता तब चला जब अक्टूबर 2024 में पूर्व भाजपा नेता सुबोध दुबे, विनोद रजक, अशोक कुशवाह, पुष्पेंद्र भदौरिया व कुछ अन्य लोग उनसे मिलने के लिए पहुंचे.  

इन लोगों ने  बताया कि आपका पार्टनर कुलरंजन हम लोगों से प्लायवुड के आइटम बनाकर सप्लाई करने  के एवज में एडवांस रुपए व हमारा जो मटेरियल था वह  लेकर गया. वह अभी तक नहीं दिया. उसने बाद में बताया कि विनोद शर्मा भी फर्म मे पार्टनर हैं तो आप लोग उन्हीं से रुपए ले लीजिएगा. यह जानकारी लगने पर जब कुलरंजन व मोनिका के मोबाइल पर फोन किया तो दोनों के नंबर बंद थे. उनके निवास पाम रेसीडेंसी पर भी ताला लगा मिला. इस शिकायत के बाद  पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है.