IAS Dr V S Alagu Varshini: IAS अधिकारी के टॉयलेट रिमार्क पर छिड़ा विवाद, SC/ST आयोग ने CS और DG को नोटिस भेज मांगी रिपोर्ट

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IAS Dr V S Alagu Varshini

IAS Dr V S Alagu Varshini: IAS अधिकारी के टॉयलेट रिमार्क पर छिड़ा विवाद, SC/ST आयोग ने CS और DG को नोटिस भेज मांगी रिपोर्ट

रुचि बागड़देव की रिपोर्ट

IAS Dr V S Alagu Varshini: तेलंगाना में एक IAS अधिकारी डॉ अलगु वर्षिणी के टॉयलेट रिमार्क पर विवाद बढ़ता जा रहा है। SC/ST आयोग ने नोटिस भेजा है और मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है।

तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस सोसाइटी की सचिव अलगु वर्षिणी ने गुरुकुल स्कूल के छात्रों के बारे में अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार डॉ वीएस अलगु वर्षिणी पर गुरुकुल छात्रों को अपने हॉस्‍टल के कमरों और टॉयलेट को साफ करने के लिए कहने वाला बयान भारी पड़ता नजर आ रहा है। नेशनल SC कमीशन ने इस मामले में तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है और 15 दिन के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

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यह पूरा मामला करीब एक हफ्ते पहले शुरू हुआ था। जब IAS अधिकारी ने कथित तौर पर स्कूल के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया था कि वे वेलफेयर हॉस्टल और क्लासों में स्टूडेंट्स के रूटीन में टॉयलेट और हॉस्टल के कमरों की सफाई के काम को शामिल करें।

IAS अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि गुरुकुल स्कूलों में स्टूडेंट्स को टॉयलट साफ करने और अपने कमरे को साफ करने में कुछ भी गलत नहीं है। वहीं BRS नेता डॉ आरएस प्रवीण कुमार ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि क्या उनके बच्चे उस स्कूल के टॉयलेट साफ करते हैं जिसमें वे पढ़ रहे हैं। उनकी बर्खास्तगी की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी गुरुकुल स्कूलों में पढ़ने वाले दलित छात्रों के साथ भेदभाव कर रही हैं।

 

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आईएएस अधिकारी डॉ अलगु वर्षिणी के ये आदेश बेहद अपमानजनक हैं और नौकरशाही में कई लोगों की मनुवादी मानसिकता को दर्शाते हैं। वे ऐसे सुधारात्मक आदेशों पर सवाल उठाने वाले अभिभावकों को भी धमका रही हैं। एक्स पर कथित ऑडियो क्लिप शेयर करते हुए बीआरएस एमएलसी कविता ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार का गरीब विरोधी रवैया समाज कल्याण गुरुकुल सोसाइटी के एक अधिकारी के इस चौंकाने वाले व्यवहार से झलकता है।’

के कविता ने आगे कहा, ‘सरकार ने 240 स्कूलों में असिस्टेंट केयरटेकर की नियुक्ति भी खत्म कर दी है। इससे स्टूडेंट्स को वार्डन की भूमिका निभाने और रसोई का मैनेजमेंट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब अधिकारी बच्चों को स्कूलों में टॉयलेट साफ करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यह बर्ताव भेदभाव से भरा हुआ है। यह केवल रेवंत रेड्डी की सरकार के गरीब-विरोधी, दलित-विरोधी रवैये को दिखाता है। मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह अधिकारी को हटाने के लिए तुरंत कदम उठाए और समाज कल्याण स्कूलों को ठीक से चलाने के लिए जरूरी फंड देना शुरू करे।’

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बीआरएस नेता के कविता ने जो ऑडियो शेयर किया है। उसमें IAS अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘अगर उन्हें रोटी बनानी है, तो वे रोटी बनाएंगे। बहुत अच्छा। उन्हें कमरे की सफाई करनी चाहिए। उनके कमरे कौन साफ ​​करेगा? एक बार, सफाई कर्मचारी करेगा। वे अपने टॉयलेट खुद क्यों नहीं साफ कर सकते। इसमें क्या गलत है। फिर 11वीं और 12वीं क्लास के बाद बच्चा जाकर बैठ जाएगा, माता-पिता उनकी देखभाल करने के लिए नहीं होंगे। यह कहना कि मुझे खाना बनाना नहीं आता और मैं केवल पढ़ाई के बारे में जानता हूं, एक बेकार व्यक्ति के तौर पर स्वीकार्य नहीं है।’

एक दूसरे ऑडियो में अधिकारी ने ​​सफाई कर्मचारियों की कमी के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, ‘अगर आप विदेश जाते हैं या किसी दूसरे राज्य में जाते हैं, तो आपको अपना रोजाना का काम खुद ही करना पड़ता है। कमरे साफ करना, बाथरूम धोना और कपड़े धोना खुद ही करना पड़ता है, साथ ही पढ़ाई पर भी ध्यान देना पड़ता है। बच्चों के लिए अचानक बदलाव में आमतौर पर समय लगता है।

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