इसलिए नहीं बन पाए IAS E Ramesh Kumar राज्यपाल Thawar Chand Gehlot के सचिव

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IAS E Ramesh

IAS E Ramesh Kumar

Bhopal MP: मध्य प्रदेश के वरिष्ठ IAS E Ramesh Kumar कर्नाटक के राज्यपाल Thawar Chand Gehlot के आखिर सचिव नहीं बन पाए और केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल गहलोत (Thawar Chand Gehlot), MP के वरिष्ठ IAS E Ramesh Kumar को अपना सचिव बनाना चाहते थे जो पूर्व में भी केंद्रीय मंत्री के रूप में उनके सचिव रह चुके हैं।

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हम बता दें कि कि रमेश कुमार मध्यप्रदेश केडर में 99 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और जब केंद्र में गहलोत केंद्रीय मंत्री थे तब भी उनके सचिव रह चुके हैं।
सूत्रों पर अगर भरोसा किया जाए तो रमेश कुमार खुद भी अपने नए काम को लेकर उत्साहित थे और राज्यपाल के सचिव बनना चाहते थे लेकिन उनकी एक योग्यता उनकी आड़े आ गई।

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असल में केंद्र सरकार में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि को 7 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। सामान्यतः केंद्र सरकार में IAS अधिकारी की प्रतिनियुक्ति अवधि 5 वर्ष की होती है और विशेष परिस्थिति में इसे 2 वर्ष और बढ़ाया जा सकता है जो इनके प्रकरण में पहले से ही हो चुका है। इसलिए बावजूद इसके कि मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें भार मुक्त करने की सहमति व्यक्त कर दी थी फिर भी केंद्र सरकार में DOPT विभाग ने इसी आधार पर कि केन्द्र सरकार में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि 7 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, इस पर सहमति व्यक्त नहीं की। और, इस प्रकार IAS E Ramesh Kumar राज्यपाल Thawar Chand Gehlot के सचिव बनते बनते रह गए।
हालांकि इससे मध्यप्रदेश का नुकसान भी इस माने में हुआ कि अगर वे वहां रहते तो मध्यप्रदेश के लोगों का भला ही करते।