IAS Officer Arrested In Corruption Case: 1 करोड़ 11 लाख रूपए की रिश्वत लेने का है आरोप

1080

IAS Officer Arrested In Corruption Case: 1 करोड़ 11 लाख रूपए की रिश्वत लेने का है आरोप

नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के एक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवसर धर्मेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है यह गिरफ्तारी एसआईटी और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने आज गुरुग्राम से की, बता दें कि धर्मेंद्र सिंह हरियाणा भवन में रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे और वर्तमान में उनकी पोस्टिंग सोनीपत में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार IAS अफसर धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ 2022 में नई दिल्ली के रणजीत नगर निवासी ललित मित्तल की शिकायत पर फरीदाबाद कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

साल 2022 में उनके खिलाफ नई दिल्ली रणजीत नगर के रहने वाले ललित मित्तल की शिकायत पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।

ललित ने बताया था कि पंकज गर्ग, आरबी शर्मा, जेके भाटिया नाम के लोगों ने मिलकर उन्हें नगर निगम में सरकारी टेंडर दिलाने का झांसा देकर 1.11 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी। इन लोगों ने ललित मित्तल को बताया था कि रिश्वत की रकम उच्च अधिकारियों को बांटी गई है। बाद में ललित मित्तल को कोई सरकारी ठेका भी नहीं मिला तो उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया।

इस मामले की जांच के लिए एसीपी विष्णु प्रसाद के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था। जांच में एसआईटी ने पाया कि धर्मेंद्र सिंह ने नगर निगम संयुक्त आयुक्त रहते हुए रिश्वत ली थी। इस संबंध में एसआइटी को तकनीकी सबूत भी मिले हैं।

आईएएस धर्मेंद्र सिंह ने सोनीपत में नगर निगम आयुक्त रहते हुए एक इमारत के निर्माण में भी गड़बड़झाला करने की जानकारी भी एसआईटी को मिली। उन्होंने 57 करोड़ के टेंडर की राशि को बढ़ाकर 87 करोड़ कर दिया था। एसआईटी ने इसकी जांच तकनीकी टीम से कराई थी।

जांच में पाया गया कि टेंडर की राशि को गलत तरीके से बढ़ाया गया है। जांच पूरी करने के बाद सरकार से आईएएस को गिरफ्तारी की अनुमति मांगी। सरकार से अनुमति मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

एसआईटी को पता चला है कि 1.11 करोड़ रुपये रिश्वत की राशि दलाल के माध्यम से निचले स्तर के अधिकारियों में भी बंटी थी। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

1995 Batch IPS Officer Returning To Parent Cader MP: 1995 बैच के IPS अधिकारी की मध्य प्रदेश वापसी