मीटू आंदोलन (या #MeToo मूवमेंट ), यौन उत्पीड़न और यौन हमले के विरुद्ध शुरु हुआ एक सामाजिक आंदोलन है जिसमें लोग यौन अपराध के आरोपों को प्रकाशित करते हैं। “मी टू” पद इस संदर्भ में सबसे पहले यौन उत्पीडित एवं कार्यकर्ता टराना बर्क द्वारा सामाजिक जनसंचार माध्यम माई स्पेस पर2006 ई. में प्रयुक्त किया गयाथा .हाल ही में पंजाब सरकार के एक महत्वपूर्ण विभाग में पदस्थ एक वरिष्ठ IAS पर लगा Me Too का आरोप .शिकायत मिलते ही मुख्य सचिव ने अधिकारी को संबंधित पद से हटाकर साइड लाइन कर दिया। मामले में आरोपों की जांच की जा रही है.इन महोदय पर सचिवालय में महिला कर्मचारियों पर फब्तियां कसने का आरोप है। अफसर को हाल ही में एक बड़े विभाग में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विभाग की कई महिलाओं ने अधिकारी पर उनसे कथित छेड़खानी करने के आरोप भी लगाए हैं। महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने पर उतारू है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में महिला कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें आरोपी अधिकारी लगातार परेशान कर रहा है। उक्त अधिकारी उम्र और पद का लिहाज किए बिना महिला कर्मचारियों पर आए दिन कमेंट करता रहता है। लिहाजा इन्हें मुख्य सचिव ने तत्काल विभाग से हटाते हुए कहा है कि मामला उनके ध्यान में लाया गया तो तुरंत इसकी जांच का निर्देश दिया है।
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