भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिंड: आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए भिंड जिला कलेक्टर ने एक प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें तमाम बीमारियों को लेकर मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव ड्यूटी निरस्त करवाने का आवेदन देने वाले शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात लिखी गई है।
दरअसल कई शासकीय कर्मचारी एवं अधिकारी चुनाव ड्यूटी से बचना चाहते हैं, क्योंकि पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा हिंसा की खबरें सामने आती हैं। ऐसे में इन चुनावों में ड्यूटी करने से कर्मचारी कतराते हैं और इसी के चलते मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर अपनी चुनाव ड्यूटी निरस्त करवाने की फिराक में रहते हैं।
हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वास्तव में मेडिकली ड्यूटी के लिए अनफिट रहते हैं।
अब इसका हल निकालने के लिए जिला कलेक्टर ने इस प्रकार का आवेदन देने वाले सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को 20 वर्ष की नौकरी अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात लिखी है।
उन्होंने इसके लिए प्रेस नोट भी जारी किया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नाम ना छापने की शर्त पर कुछ कर्मचारियों का कहना है कि यह कलेक्टर का तानाशाही पूर्ण रवैया है। इससे पहले भी चुनाव हुए हैं और मेडिकली अनफिट कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से अलग रखा गया है क्यों यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भरा कार्य है।
लेकिन कलेक्टर का इस प्रकार का तानाशाही पूर्ण रवैया बिल्कुल गलत है। इससे ऐसे लोगों को भी परेशानी होगी जो ऑफिस में तो काम कर सकते हैं लेकिन चुनाव जैसा कार्य नहीं कर सकते।