Illegal Colonies : इंदौर की 400 कॉलोनियां ही वैध हो सकेगी, 200 अवैध रहेंगी!

शहर में 622 कॉलोनियां अवैध, पर 200 वैध नहीं हो पाएंगी!

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Illegal Colonies : इंदौर की 400 कॉलोनियां ही वैध हो सकेगी, 200 अवैध रहेंगी!

Indore : अवैध कॉलोनियों को वैध करने की फिर घोषणा हो गई। लेकिन, इंदौर को इससे 20% ही फायदा होगा। सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां इंदौर में हैं। बावजूद वैध होने की सूची में 200 कॉलोनियां भी दायरे में नहीं आ रही। कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के सामने दिए प्रेजेंटेशन के मुताबिक इंदौर की 196 कॉलोनियां ही वैध होंगी। जबकि, इस सूची में अन्य प्रमुख शहरों की कॉलोनियां ज्यादा हैं। इनमें भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहर शामिल हैं।

नगरीय प्रशासन विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में 5642 अवैध कॉलोनियां 1 मई से वैध होना शुरू हो जाएंगी। इन्हें बिल्डिंग परमिशन मिलने लगेगी। इससे यहां रहने वाले रहवासी बिजली व नल कनेक्शन के साथ अन्य अधिकारों के लिए पात्र हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अफसरों से दो टूक कहा कि अब किसी भी स्थिति में कहीं भी कोई अवैध कॉलोनी नहीं बनना चाहिए। अवैध को वैध करने का काम जल्द से जल्द पूरा करें, नियमों को सरल करें। इंदौर में 400 से ज्यादा कॉलोनियों को अब अगली नीति या घोषणा तक इंतजार करना होगा।

2016 तक की कॉलोनियां शामिल

अवैध कॉलोनी को वैध करने की टाइम लाइन तय कर दी है। 31 दिसंबर 2016 तक कुल 5642 कॉलोनियां अवैध पाई, इन्हें ही वैध किया जाएगा। इंदौर में 900 से ज्यादा कॉलोनियां अवैध हैं। इनमें 150 से ज्यादा बस्तियां हैं, जिन्हें सूची से हटा दिया गया है। इसके बाद भी 622 कॉलोनियां बच रही हैं। निगम कॉलोनी सेल के मुताबिक अभी 72 कॉलोनियां के लिए प्रारूप का प्रकाशन हो गया है। 35 की सूची और आएगी। इसके बाद 98 और कॉलोनियां हैं, जिन्हें वैध करने की प्रक्रिया में लिया जाएगा।

डेढ़ सौ से ज्यादा कॉलोनी शहरी सीलिंग में

150 से ज्यादा कॉलोनियां ऐसी हैं जो शहरी सीलिंग की जमीन पर हैं। इनमें से कुछ में चतुर्सीमा में कुछ हिस्सा आ रहा है तो कहीं रास्ते या बगीचों की जमीन पर प्लॉट काट दिए हैं। निगम के एक पूर्व अधिकारी का कहना है कि साल 2000 में शहरी सीलिंग एक्ट खत्म हो गया, फिर भी ये कॉलोनियां उसी जमीन पर गिनी जा रही हैं। इनमें मौके पर मकान बन चुके हैं। इसके लिए अलग से नीति लाना होगी। दूसरी ओर ग्रीन बेल्ट में, आईडीए, हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य विभागों की जमीन पर भी कुछ अवैध कॉलोनियां हैं, जिसके लिए भी ठोस निर्णय लेना होगा।