Illegal Colony On Agricultural Land : सिंचित कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी काटी, प्रशासन बेखबर!

सौ रुपए के स्टांम्प पर करोड़ों के सौदे, राजस्व को बड़ी चोट पहुंचाई!

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Illegal Colony On Agricultural Land

Illegal Colony On Agricultural Land : सिंचित कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी काटी, प्रशासन बेखबर!

Indore : शासन को लाखों रुपये की चपत के साथ बिना शासकीय अनुमति, बिना विकास शुल्क जमा किए और बिना टीएनसी डायवर्सन के अवैध कॉलोनी में व्यावसायिक प्लाट काटने वाले भूमाफिया फारुख (लंबू), शहजाद मिर्ची और इमामुद्दीन तिगाला का नया कारनामा सामने आया है। शिकायतकर्ता राजकुमार कुरील ने इस मामले में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि पश्चिम क्षेत्र चंदन नगर से लगे मल्हारगंज तहसील के ग्राम बांक क्षेत्र की सिंचित कृषि भूमि सर्वे नम्बर 15/2/1,रकबा 0.7290 हेक्टयर,पटवारी हल्का नम्बर 07,राजस्व मंडल 01 जो कि पूर्व में इसहाक पिता बापू जी निवासी 40 ग्राम बांक के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज थी। इसका भू अधिकार एवं सीएलआर नम्बर 11081078964 है, उक्त कृषि भूमि विक्रय अनुबंध लेख के अनुसार फारुख लंबू पिता नूर मोहम्मद ने क्रय की तथा इस सर्वे नम्बर की शेष भूमि सर्वे 15/2/1 पैकी 0.253 हेक्टेयर जो इमामुद्दीन तिगाला पिता इब्राहिम तिगाला निवासी चंदन नगर ने पृथक रूप से इसहाक पटेल से क्रय की थी,उसे शहजाद पिता प्यारे मियां को बेच दी।

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उपरोक्त रकबा 0,253 हेक्टेयर भूमि शहजाद मिर्ची ने सिर्फ सौ रूपये के स्टाम्प पर 97 लाख 34 हजार 400 रुपये में अब्दुल अजीज पिता अब्दुल्ला निवासी 306 चंदन नगर को विक्रय कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई। ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग की मौन स्वीकृति के चलते क्षेत्र के संगठित भू माफिया और राजनीतिक संरक्षण में पर्दे के पीछे रहने वाले कई सफेदपोश अपना पैसा इस तरह की अवैध कॉलोनियों में लगा रहे हैं। गौरतलब है कि फारुख लंबू कई सालों से ग्राम बांक, जवाहर टेकरी, सिरपुर, अहीर खेड़ी, सुखनिवास, चंदन नगर में शासकीय पट्टे की भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करता आया है।

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इस पर चंदन नगर, द्वारकापुरी, राजेन्द्र नगर और एरोड्रम थानों में कई प्रकरण दर्ज हैं। लेकिन, प्रशासन और नगर निगम की उदासीनता और अनदेखी के कारण भू माफियाओ के हौसले बुलंद हैं। फारुख खान से इस मामले में जानकारी मांगने पर उसने बताया कि यहां कोई अवैध कॉलोनी नहीं काटी जा रही। शिकायत बताने पर कहने लगे कि हमने सभी अनुमतियां और एनओसी लेने के बाद ही काम शुरू किया है। इस संबंध में तहसीलदार मल्हारगंज से फोन पर चर्चा करना चाही किन्तु वे उपलब्ध नहीं हुए।