पीटी उषा की एकेडमी पर अवैध कब्जा! भावुक हुईं उड़नपरी, कहा- सांसद बनने के बाद से मैं निशाने पर

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पीटी उषा

पीटी उषा की एकेडमी पर अवैध कब्जा! भावुक हुईं उड़नपरी, कहा- सांसद बनने के बाद से मैं निशाने पर

ई दिल्ली: केरल के कोझिकोड में स्थित ‘उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स‘ की जमीन पर कुछ दबंगों द्वारा अवैध निर्माण करने को लेकर भारत की उड़नपरी और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने शनिवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

इस दौरान बोलते हुए वह भावुक हो गईं. पीटी उषा ने कहा- ये बच्चियों की सुरक्षा का मामला, ऐसे कैसे कोई बिना इजाजत छात्राओं के कैंपस में घुस सकता है. उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण पानागढ़ पंचायत की जानकारी में है. वहां प्रशिक्षण लेने वाली लड़कियों सहित अ​न्य एथलीटों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. मेरे राज्यसभा सांसद बनने के बाद से ‘उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स’ को निशाना बनाया जा रहा है, मुझ पर निजी हमले हो रहे हैं. इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है.

PT Usha's school begins seasonal practice | More sports News - Times of India

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 6 जुलाई, 2022 को पीटी उषा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था. केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्यसभा में पीट उषा के मनोनयन के लिए उनके नाम की सिफारिश तत्काली राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की थी. पीटी उषा वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष हैं. वह आईओए की पहली महिला प्रसिडेंट हैं. पीटी उषा 1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक खेलों की 400 मीटर हर्डल रेस स्पर्धा में चौथे नंबर पर रही थीं. वह सेकेंड के 1/100वें हिस्से से कांस्य पदक जीतने से चूक गई थीं. वह ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में उनकी गिनती एशिया की सर्वोच्च महिला एथलीटों में होती है. पीटी उषा ने अपने करियर में एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स के अलावा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की सैकड़ों प्रतिस्पर्धाओं में जीत का झंडा गाड़ा.

केरल के एक गरीब परिवार में 27 जून 1964 को जन्मी पीटी उषा की बचपन से ही खेलों के प्रति रुचि थी. उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए केरल सरकार ने उन्हें 250 रुपए की स्कॉलरशिप दी थी. पीटी उषा ने दौड़ने की शुरुआत तब से की थी, जब वो चौथी कक्षा में पढ़ती थीं. उषा के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब ओएम नांबियार ने उन्हें 1976 में नेशनल स्कूल गेम्स में देखा. नांबियार ने उन्हें ट्रेनिंग दी. पीटी उषा हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. खेल जगत में उन्हें उपलब्धियों को जाना जाता है. वह अब नए एथलीट्स को तैयार कर रही हैं. केरल में अपनी एकेडमी चला रही हैं. 58 साल की पीटी उषा का एशियन गेम्स में भी प्रदर्शन अच्छा रहा है. उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में कुल 23 मेडल जीते. इसमें 14 गोल्ड मेडल शामिल हैं. उन्हाेंने अंतिम गोल्ड 1998 में 4 गुणा 100 मीटर रेस में जीता.