IPS STORY
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली इल्मा अफरोज उन शख्सियतों में शामिल है, जिन्होंने विदेश की नौकरी का मोह छोड़कर भारत का रुख किया और फिर मेहनत करके IPS बन गई। वे बचपन से ही पढ़ने में तेज़ थीं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुरादाबाद के स्कूल से करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन किया। मेहनत के बल पर इल्मा को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एडमिशन और स्कॉलरशिप मिली। वहीं उन्होंने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया। लेकिन, विदेश में भी इल्मा को अपने खर्चों के लिए कभी ट्यूशन करना पड़ी तो कभी उनकी देखभाल करना पड़ी।
विदेश में उनका मन नहीं लगा तो इल्मा भारत लौट आईं। यहां आने के बाद उन्होंने UPSC देने का मन बनाया, जिसमें उनके भाई ने भी पूरा सहयोग दिया। वे पूरी तरह से UPSC की तैयारी में लग गई। उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय का नतीजा यह हुआ कि 2017 में उन्होंने 217वीं रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास की। जब सर्विस चुनने का मौका मिला तो उन्होंने IPS को चुना और उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर में नियुक्त किया।
IPS इल्मा अफरोज
इल्मा अफरोज जब 14 साल की थीं, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी इल्मा की मां पर आ गई। उन्होंने अपनी बेटी की परवरिश के लिए कई मुसीबतों का सामना किया। घर का खर्च चलाने के लिए वह खेत में भी काम किया करती थीं। इल्मा भी इस मुश्किल समय में अपनी मां का सहारा बनने के लिए खेतों में काम किया करती थीं। लोग उनकी मां को सलाह दिया करते थे कि पढ़ाई के पीछे पैसा बर्बाद करने से अच्छा है कि किसी तरह इल्मा की शादी कर दी जाए। लेकिन, मां ने बेटी की पढ़ाई पर ध्यान दिया और उसे अपने पैरों पर खड़े होने योग्य बनाया।
पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद ही उन्हें न्यूयॉर्क में एक अच्छी नौकरी का ऑफर मिला। वे चाहती तो ये नौकरी करके आराम से अपना जीवन बिता सकती थी। लेकिन, उन्होंने इस नौकरी से पहले अपने परिवार और अपने देश को प्राथमिकता दी। विदेश की नौकरी छोड़कर अपने देश भारत लौट आईं। यहां आने के बाद अपनी राह बदल ली।
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