भाद्रपद माह की प्रथम सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री चन्द्रशेखर स्वरुप में विराजित होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए
उज्जैन से मुकेश भीष्म की रिपोर्ट
उज्जैन : अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान श्री महाकाल भाद्रपद माह के प्रथम सोमवार को राजसी ठाट-बाट के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देनें के लिये नगर भ्रमण पर निकले।
भगवान श्री महाकाल ने अपनी प्रजा को नौ रूपों में दर्शन दिये। भाद्रपद माह के प्रथम सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में रजत जडित पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, बैलगाड़ी में श्री घटाटोप स्वरुप, श्री जटाशंकर रूप, श्री रुद्रेश्वर स्वरुप, व नवम सवारी में रथ पर श्री चन्द्रशेखर स्वरुप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलें।
नगर भ्रमण पर निकलने के पूर्व मंदिर के सभामंडप में हुवा श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन, बाबा महाकाल की एक झलक के लिए असंख्यक श्रद्धालु हुए आतुर
श्री महाकालेश्वर भगवान की नवम सवारी बड़े धूमधाम व उल्लास के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर से नगर भ्रमण हेतु निकली। नगर भ्रमण पर निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थित सभामंडप में श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर भगवान की आरती की गई। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न् कराया गया।
आयुक्त नगर पालिक निगम श्री रोशन सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर पालिक निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, मध्यप्रदेश फार्मेसी काँसिल के अध्यक्ष श्री ओम जैन, अपर कलेक्टर एवं प्रशासक श्री संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य श्री राजेंद्र शर्मा ‘गुरु’, श्री राम पुजारी, पूर्व महापौर श्री मदनलाल ललावत आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। आरती उपरांत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर ने पालकी विराजमान होकर मंदिर प्रांगण से नगर भ्रमण हेतु प्रस्थान किया।
रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर जैसे ही मुख्य् द्वार पर पहुँचे, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा श्री चन्द्रमोलेश्वर भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई।
भाद्रपद माह के प्रथम सोमवार (नवम सवारी) पर भी भगवान की सवारी के दौरान पूरी नगरी शिवमय हो गई। भक्तगण बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।
श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी श्री महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची, क्षिप्रा तट रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मॉ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया।
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पूजन -अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। श्री गोपाल मंदिर पर परंपरानुसार सिंधिया स्टेट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया। इसके पश्चात सवारी गोपाल मंदिर पहुँची। जहा गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजमान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन किया गया।
पूजन पश्यात सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में श्री जी के सभी विग्रहों के पूजन-आरती पश्चात सवारी का विश्राम हुआ।
भाद्रपद माह की दूसरी और दसवी सवारी 11 सितम्बर को शाही सवारी के रूप में निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप, श्री चन्द्रशेखर स्वरुप व दसवीं सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।