Independent women : ड्रायवरी का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया

प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को आर्थिक मदद देकर रिक्शा दिलवाए

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Indore : महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई नवाचार किए जा रहे है। उन्हें ड्रायविंग का प्रशिक्षण भी दिया गया। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं ड्रायवरी की नौकरी कर रही है। उन्हें वित्तीय मदद देकर आटो रिक्शा भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इस अभियान को जिले में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है।

महिला ड्रायविंग प्रशिक्षण संस्था (Women Driving Training Institute) के प्रभारी अनिल शर्मा ने बताया कि इससे महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार देने में मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को ड्रायवरी के प्रशिक्षण के बाद आमदानी का बेहतर जरिया प्राप्त हुआ है। उनके जीवन यापन तथा बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में भी बड़ी मदद मिल रही है। शर्मा ने बताया कि महिलाओं को ड्रायवरी का प्रशिक्षण देने के लिए शासकीय ड्रायवर प्रशिक्षण संस्थान का संचालन किया जा रहा है। इसमें महिलाओं को विशेष रूप से ड्रायवरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण का सिलसिला गत वर्ष से प्रारंभ किया गया था। अब तक कुल 160 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण के चार सत्र हो चुके है। पहले सत्र में 50, दूसरे में 44, तीसरे में 36 तथा चौथे सत्र में 30 महिलाओं को लाइट मोटर व्हीकल चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। इनमे से चयनित 11 महिलाओं को वित्तीय मदद देकर ऑटो रिक्शा उपलब्ध कराये गये। वहीं दूसरी ओर 7 महिलाओं को विभिन्न कंपनियों में वाहन संचालन की नौकरी भी प्राप्त हुई। जिन महिलाओं को नौकरी प्राप्त हुई उनमे ममता पाल, भाग्यश्री बूचड़े, सपना चौहान, राधिका राणा, मनीषा पाल शामिल है। इनको पटेल मोटर्स में नौकरी मिली है। इसी तरह होण्डा लैण्डमार्क में दो महिलाओं पूजा शर्मा और आफरीन खान को नौकरी प्राप्त हुई है।

शर्मा ने बताया कि इनके अलावा 11 महिलाओं को वित्तीय मदद देकर ई-आटो रिक्शा उपलब्ध कराई गई है। इससे इन्हें आमदानी का नियमित जरिया मिला है। इन सबके जीवन में खुशहाली की नई दस्तक आई है। रोजगार प्राप्त सभी महिलाएं खुश है और उज्जवल भविष्य के प्रति आशांवित भी हैं। इन सब ने शासन प्रशासन के प्रति आभार भी व्यक्त किया है और कहा कि हमे जीने की नई राह मिली है। अब हम आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे है।