भारत को मिला पांचवां मेडल, जेरेमी ने वेटलिफ्टिंग में जीता स्वर्ण पदक

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बर्मिंघम: भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी ने 67 किलोग्रम वर्ग में कुल 300 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल को अपने नाम कर लिया। उन्होंने स्नैच राउंड में 140 किलो वजन उठाया जबकि क्लीन एंड जर्क में 160 किलो वजन उठाने में कामयाब हुए। कुल 300 किलो के साथ गेम्स रिकॉर्ड बनाते हुए जेरेमी ने वेटलिफ्टिंग में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल जिताया।

कैसे जेरेमी ने जीता गोल्ड मेडल?

स्नैच राउंड

जेरेमी ने पहले प्रयास में उठाया 136 किलो का वजन :- जेरेमी लालरिनुंगा ने स्नैच राउंड के पहले प्रयास में सबसे ज्यादा 136 किलो का वजन उठाया और इसके साथ ही गेम्स रिकॉर्ड भी बना दिया। वह दूसरे प्रयास में 140 किलो का वजन उठाएंगे।

जेरेमी का जलवा, दूसरे प्रयास में 140 किलो का वजन उठाया:- जेरेमी ने दूसरे प्रयास में 140 किलो का वजन उठाकर नया गेम्स रिकॉर्ड बना दिया है। वह स्नैच राउंड में पहले स्थान पर हैं और तीसरे प्रयास में 143 किलो का वजन उठाएंगे।

जेरेमी तीसरे प्रयास में नहीं उठा पाए 143 किलो:- जेरेमी ने तीसरे प्रयास में 143 किलो का वजन उठाने की कोशिश की लेकिन यहां वह चूक गए।

क्लीन एंड जर्क राउंड

फिर जेरेमी ने किया कमाल:- फिर शुरुआत हुई क्लीन एंड जर्क राउंड की जिसमें जेरेमी ने पहले राउंड में 154 किलोग्राम का भार उठाया और वह परेशानी से जूझते दिखे।

चोट के बाद भी नहीं थमे जेरेमी:- चोट लगी और वह परेशानी में नजर आए इसके बावजूद उन्होंने दूसरे अटेम्प्ट में 160 किलोग्राम का भार उठाया और सभी को हैरान कर दिया। लेकिन इसके बाद फिर वह बोर्ड पर बैठ गए और परेशानी में नजर आए।

जेरेमी ने स्वर्ण पदक किया अपने नाम:- तीसरे प्रयास में जेरेमी ने 165 किलोग्राम क्लेम किया लेकिन वह उठा नहीं पाए और जर्क के दौरान वह वजन संभाल नहीं पाए और अपना हाथ पकड़ कर गिर पड़े। इस तरह उन्होंने स्नैच में 140 और क्लीन एंड जर्क में 160 किलो भार उठाकर कुल 300 किलोग्राम के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

भारत के नए गोल्डन ब्वॉय ने दर्द में भी लिखी जीत की नई इबारत

भारत के वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा क्लीन एंड जर्क में चोटिल हो गए और दर्द के कारण बोर्ड पर ही गिर गए लेकिन दर्द में भी भारतीय भारोत्तोलक ने जीत की इस नई इबारत को लिखा और इतिहास के पन्नों पर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा दिया।

मुक्केबाज पिता का जांबाज बेटा

वेटलिफ्टर जेरेमी लालनिहुंगा का मुक्केबाजी से भी एक खास कनेक्शन है। वह राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज लालनेहतलुआंगा के बेटे हैं। जेरेमी ने मुक्केबाजी में भी हाथ आजमाए थे लेकिन आगे चलकर वह वेटलिफ्टिंग से जुड़ गए। क्योंकि उनको लगता था कि वेटलिफ्टिंग में सफल होने के लिए सिर्फ ताकत की जरूरत थी जिससे वह इसके प्रति आकर्षित हुए। जेरेमी ने समोआ के वेइपावा नीवो इयोन 293 किग्रा (127 किग्रा और 166 किग्रा) और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ उमोआफिया 290 किग्रा (130 किग्रा और 160 किग्रा) को पछाड़ा जिन्हें क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिला।