Inside Story: आखिर SDM निशा बांगरे ने क्यों दिया इस्तीफा!
Chattarpur : जिले के लवकुश नगर में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने पद से इस्तीफा दे दिया। निशा बांगरे ने इस्तीफे में जिक्र किया कि उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित रहने की अनुमति न देने और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति न देने के कारण इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को इस्तीफा भेज दिया है।
निशा बांगरे मध्यप्रदेश की चर्चित अधिकारी हैं। उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर शादी की थी। इसके साथ निशा के चुनाव लड़ने की भी अटकलें थीं। लेकिन, इस बार उन्होंने इस्तीफा छुट्टी नहीं मिलने की वजह से दिया। माना जा रहा है कि यह तो इस्तीफे की वजह का बहाना है। असल में उनके इस्तीफे की चर्चा तो पिछले कुछ महीनों से लगातार चल रही है।
निशा बांगरे के घर का गृह प्रवेश 25 जून को बैतूल जिले के आमला में तय था, जिसके लिए उन्हीं छुट्टी नहीं मिली। अपने इस्तीफे में निशा बांगरे ने इस बात का जिक्र किया कि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस वजह से वे अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं। वर्तमान में निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर पदस्थ हैं। निशा बांगरे कुछ दिनों पहले तब सुर्खियों में आई थी, जब बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से उनके चुनाव लड़ने की बात सामने आई।
निशा बांगरे ने बताया कि उनके मकान का उद्घाटन होना था। इसके लिए उन्होंने प्रशासन को छुट्टी के लिए एक आवेदन दिया था। इसके बाद भी उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। निशा बांगरे ने जानकारी देते हुए बताया कि थाईलैंड से भीमराव अंबेडकर की अस्थियां आनी हैं। इसीलिए एक कार्यक्रम के माध्यम से उसमें शामिल होना चाहती थी। लेकिन, प्रदेश शासन ने छुट्टी नहीं दी। इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया। फिलहाल शासन ने अभी उनका का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।
निशा के मामले में यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस प्रकार सरकार ने डायरेक्टर जनरल पुलिस स्तर के अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा का वीआरएस मंजूर नहीं किया वैसा ही क्या निशा का इस्तीफा भी मंजूर नहीं होगा? क्योंकि शर्मा के मामले के समान ही निशा के भी चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट पिछले कई महीनों से चल रही है।