Iran- Israel War: 15 दिन बाद आखिर अमेरिका की एंट्री: ईरान की 3 प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हवाई हमले, पश्चिम एशिया में हलचल

जानिए ईरान की तीखी प्रतिक्रिया 

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Iran- Israel War: 15 दिन बाद आखिर अमेरिका की एंट्री: ईरान की 3 प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हवाई हमले, पश्चिम एशिया में हलचल

 

> पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं। इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग में अब अमेरिका की सीधी एंट्री ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। जानिए कैसे अमेरिकी हमले ने इस संघर्ष को नया मोड़ दे दिया है…

 

22 जून 2025 को अमेरिका ने औपचारिक रूप से ईरान-इजरायल युद्ध में हस्तक्षेप करते हुए ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स- फोर्डो, नतांज और इस्फहान- पर हवाई हमले किए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसकी पुष्टि की और कहा कि अमेरिकी B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने इन ठिकानों पर शक्तिशाली बंकर-बस्टर बम गिराए, सभी विमान सुरक्षित लौट आए। यह हमला इजरायल द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियान के बाद हुआ, जिसमें ईरान की वायु रक्षा और मिसाइल क्षमताओं को कमजोर करने की कोशिश की गई थी।

यह अमेरिका की दशकों बाद ईरान की ज़मीन पर सबसे प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई है, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच गया है। ट्रंप ने इसे “इतिहास बदलने वाला क्षण” बताया और ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की, तो अमेरिका और भी घातक हमला करेगा।

अमेरिकी हमले का मुख्य उद्देश्य ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को स्थायी रूप से क्षति पहुंचाना था, क्योंकि गहराई में बने फोर्डो जैसे ठिकानों को सिर्फ अमेरिका के पास मौजूद बम ही नष्ट कर सकते थे।

 

*”ईरान ने कहा-शुरू तुमने किया, खत्म हम करेंगे”*

ईरान की प्रतिक्रिया बेहद तीखी रही है। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा, “तुमने शुरू किया, हम खत्म करेंगे,” और चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने आगे हस्तक्षेप किया, तो इसके “अपूरणीय परिणाम” होंगे। ईरान ने अपनी मिसाइल और ड्रोन्स को अलर्ट पर रखा है और अमेरिकी ठिकानों व नागरिकों को संभावित निशाना बनाने की धमकी दी है। दूसरीऔर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप के फैसले को “इतिहास बदल देने वाला साहसिक कदम” बताया है। वहीं, अमेरिकी कांग्रेस में इस कार्रवाई को लेकर विवाद है- कई सांसदों ने इसे असंवैधानिक और बेहद खतरनाक बताया है।

इस घटनाक्रम के बाद अब पूरी दुनिया की नजरें पश्चिम एशिया पर टिकी हैं। अगर ईरान ने जवाबी हमला किया, तो यह युद्ध और बड़ा रूप ले सकता है, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति, क्षेत्रीय शांति और भारत समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर, अमेरिका की सीधी दखलअंदाजी ने ईरान-इजरायल युद्ध को और खतरनाक बना दिया है। अब दुनिया की नजरें ईरान की अगली प्रतिक्रिया और पश्चिम एशिया की स्थिरता पर टिकी हैं।