

Iran -Israel War: 28 जून तक तो चरम पर ही रहेगा इसराइल – ईरान युद्ध,6 अगस्त के बाद ही होगा युद्ध विराम
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक शर्मा का ज्योतिषीय आकलन
विश्व परिदृश्य में 2022 से युद्ध का माहौल बना हुआ है। 2022 से यूक्रेन और रूस का युद्ध चल रहा है जो अभी भी जारी है। उस समय से राहु और केतु अपनी अपनी शत्रु राशि में गोचर कर रहे थे,जो 18 मई 2025 तक अपने शत्रु ग्रहों की राशि में ही रहे।
18 मई के बाद से राहु केतु अपने मित्र ग्रह की राशि में गोचर कर रहें हैं। किसी भी देश में अथवा क्षेत्र में राहु, केतु, मंगल, शनि,ये चार ग्रह यदि किसी प्रकार से आपस में संबंध बनाते हैं तो इन ग्रहों से संबंधित पृथ्वी के भू भाग में युद्ध की स्थितियां बनती हैं।
पिछले कई सालों से इज़राइल और ईरान के बीच साथ ही अमेरिका के साथ ईरान की तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी मंगल, शनि का चतुर्थ दशम योग,समसप्तक योग और षडाष्टक योग बनता है, इनमें कहीं न कहीं राहु,केतु का प्रभाव भी अगर आ जाता है तो इन विशेष परिस्थितियों में युद्ध अथवा युद्ध का उन्माद पैदा होता ही है।
अभी वर्तमान में 30 मार्च से शनि मीन राशि में गोचर कर रहा है। 8 जून से मंगल ने सिंह राशि में प्रवेश किया है। 18 मई से केतु भी सिंह राशि में चल रहा है। मंगल, केतु के योग को कुजकेतु योग कहते है। मंगल से सातवे राहु से समसप्तक योग और मीन का शनि से षडाष्टक योग बना हुआ है। राहु, केतु और शनि वायु तत्व के कारक होते हैं। मंगल, अग्नि तत्व का कारक होता है। इस कारण से आकाश में वायु और अग्नि के प्रकोप का योग बनता है। इससे विमान घटनाएं, विस्फोट की घटनाएं होंगी।
28 जून 2025 तक मंगल, सिंह राशि में रहेगा तब तक के करीब 10 दिनों में विमान दुर्घटना, रेल दुर्घटना एवं युद्ध के हालात बने ही रहेंगे। विशेषकर अमेरिका, इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध और अधिक बढ़ेगा। 28 जून के बाद ही युद्ध में कुछ धीमापन आ सकता है, हालात कुछ बेहतर हो सकते हैं। इज़राइल के स्थापना की लग्न कुंडली 14 मई 1948 को शाम को 4 बजे तेल अबीब की है। कन्या लग्न की इस कुंडली में हानि के 12 वे घर में बैठा मंगल, तीसरे भाव, छटे भाव को दृष्टि दे रहा है जिससे इज़राइल जन्म के समय से ही शत्रुओं से घिरा रहा देश है। 1948, 1967 और 1973 में अरब देशों ने इज़राइल पर हमला किया था। तीनों बार इज़राइल की जीत हुई थी। इज़राइल की लग्न कुंडली में वर्तमान में राहु की दशा चल रही है। कन्या लग्न का राहु मित्र होता है अतः भीषण युद्ध के बाद अंततः इज़राइल की जीत होगी।
वहीं ईरान की जन्म कुंडली देखें तो ईरान का जन्म 1 अप्रैल 1979 को दोपहर 3 बजे हुआ। इस समय कर्क लग्न का उदय हो रहा है। कर्क लग्न की कुंडली में भूमि भाव का स्वामी अष्टम भाव में केतु के साथ बैठा हुआ है। जहां धन स्थान में बैठे हुए शनि की दृष्टि ईरान को कच्चे तेल के उत्पादन में अग्रणी बना रही है। धन स्थान में बैठे शनि,राहु के स्थान में वर्तमान में यहां पर केतु और मंगल गोचर कर रहें हैं। केतु और मंगल के गोचर की वजह से ईरान को इस युद्ध का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में ईरान की कुंडली में गुरु में राहु की अंतर्दशा चल रही है। राहु की अंतर्दशा मार्च 2026 तक ईरान और ईरान के बड़े नेताओं के लिए कठिन समय है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म 21 अक्टूबर 1949 को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर तेल अबीब में हुआ था। नेतन्याहू की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। कुंडली के एकादश भाव में केतु, चंद्रमा की युति है। यहीं पर बुध भी बैठा हुआ है। केतु की महादशा चल रही है। गोचर के अनुसार दशम भाव के मंगल, केतु की युति एवं महादशा के प्रभाव से नेतन्याहू अपने शत्रुओं को पराजित करेंगे। लेकिन इज़राइल को भी भारी नुकसान होगा। इस प्रकार ईरान – इज़राइल युद्ध 28 जून 2025 तक निरंतर भीषणता की ओर बढ़ेगा। 6 अगस्त तक यह युद्ध जारी रह सकता है, उसके बाद से इसमें कमी आ जायेगी। इस युद्ध के संदर्भ में भारत में महंगाई बढ़ेगी, प्राकृतिक आपदाएं आ सकती है। कुल मिलाकर भारत और शेष विश्व परेशान रहेगा।
सम्प्रति,नेहरू गंज,इटारसी, MP