इजरायल-ईरान युद्धविराम: भारत-पाकिस्तान सीजफायर और ट्रंप का नोबेल गेम

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इजरायल-ईरान युद्धविराम: भारत-पाकिस्तान सीजफायर और ट्रंप का नोबेल गेम

– राजेश जयंत

पश्चिम एशिया में इजरायल-ईरान के बीच 12 दिन की जंग के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से ऐतिहासिक युद्धविराम हुआ। मन ही मन में ट्रंप ने खुद को शांति का दूत बताते हुए इस डील का पूरा श्रेय लिया और खुलेआम नोबेल शांति पुरस्कार पाने की इच्छा भी जताई। उनकी यही रणनीति भारत-पाकिस्तान के ताजा संघर्ष विराम में भी दिखी।

हाल ही में पाकिस्तान ने ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित किया है। पाकिस्तान का दावा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और सीजफायर कराने में ट्रंप के निर्णायक कूटनीतिक प्रयासों की बड़ी भूमिका रही। पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल मुनीर की ट्रंप से मुलाकात के बाद ही यह नामांकन हुआ। हालांकि भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज किया और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा कि सीजफायर भारतीय सेना के दबाव और दोनों देशों की आपसी बातचीत से हुआ, अमेरिका की कोई सीधी भूमिका नहीं थी।

ट्रंप बार-बार सोशल मीडिया और अपने भाषणों में नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर नाराजगी जता चुके हैं। वे दावा करते हैं कि उनकी वजह से दुनिया के कई हिस्सों में शांति आई, चाहे वह भारत-पाकिस्तान हो, सर्बिया-कोसोवो, या अब्राहम समझौता। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप, बराक ओबामा की तरह नोबेल जीतने के लिए हर बड़े अंतरराष्ट्रीय संकट में खुद को मध्यस्थ और शांति निर्माता के तौर पर पेश करते हैं। लेकिन भारत समेत कई देश उनके दावों को प्रचार मानते हैं, न कि असल कूटनीति।