कोरोना, आवारा कुत्तों और ठंड से बचाव में ही समझदारी है…

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मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो आवारा कुत्तों का आतंक भी भयावह हो रहा है। धार जिले में मासूम नंदिनी की कुत्तों के हमले में दुःखद मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। तो राजधानी में भी आवारा कुत्तों ने हाल ही में एक बच्ची और एक अन्य व्यक्ति को घायल कर दिया। वहीं इंदौर में ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट बीए.2 के मरीज मिले हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। यह ऐसा वैरिएंट है जो बहुत तेजी से फैलता है। यह फेफड़ों को तेजी से संक्रमित करता है। तो बेहतर है कि कोरोना और आवारा कुत्तों से बचा जाए। इसके लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। सावधानी में ही सुरक्षा है, वरना जिस तरह आवारा कुत्ते जान लेने पर उतारू हैं और जख्म दे रहे हैं, ठीक उसी तरह कोरोना भी कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है और ठीक होने के बाद भी उसके साइड इफेक्ट्स को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। इसलिए जान पर न बन आए कोरोना और आवारा कुत्ते, इसके लिए दोनों से बचने के लिए सावधानी बरतने में ही भलाई है। जिस तरह कोरोना के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की बात होती है, ठीक उसी तरह आवारा कुत्तों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। दोनों ही मामलों में सरकार मौका-ए-वारदात पर आपको बचाने नहीं पहुंच सकती है, इसलिए अपनी-अपनी जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी ही है।
तो कोरोना, आवारा कुत्तों के बाद ठंड से बचाव भी बहुत जरूरी है। अगले 3 दिनों के दौरान पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में तथा पूर्वी मध्यप्रदेश के हिस्सों में कहीं-कहीं ठंड का प्रकोप कहर बरपा सकता है। अगले 5 दिनों में मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक गिरावट की संभावना जताई गई है। मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल स्तर में 75° पूर्वी देशांतर के साथ 32°उत्तरी अक्षांश के उत्तर में चलायमान एक ट्रफ़ के साथ एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ पंजाब और आसपास के क्षेत्रों के निचले क्षोभमंडल स्तरों में स्थित है। निचले क्षोभमंडल स्तरों पर झारखंड और आस-पास के क्षेत्रों के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पंजाब के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ रेखा निचले क्षोभमंडल स्तरों पर झारखंड के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण तक जा रही है। इसका असर लोगों को कोल्ड डे और सीवियर कोल्ड डे के रुप में सताएगा, जिसने बचाव किया वही स्वस्थ रहेगा।
तो कोरोना के मरीजों की संख्या अब एक दिन में दस हजार पार करने लगी है। मौतें भी दर्ज हो रही हैं। बीए.2 वैरिएंट तेजी से फैलता भी है और फेफड़ों को ज्यादा संक्रमित भी कर रहा है। तो भीड़भाड़ में न जाएं। मास्क लगाएं, हाथ धोते रहें, सेनेटाइजर का उपयोग करें और सोशल डिस्टेंसिंग को पूरा सम्मान दें। आवारा कुत्तों से दूर रहें, वह कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। तो ठंड से बचने में ही भलाई है। एक बार ठंड लगी तो बेवजह ही तबियत बिगड़ेगी और अस्पताल के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं। कोरोना, आवारा कुत्तों और ठंड से बचाव में ही समझदारी है…यह समझकर ही बेवजह आफत मोल लेने से बचा जा सकता है।