Jewellery not Confiscated at Airport: अब एयरपोर्ट पर ज्वेलरी जब्त नहीं होगी, कस्टम डिपार्टमेंट को कोर्ट का आदेश! 

जानिए, दिल्ली हाई कोर्ट को किस मामले में यह निर्देश देना पड़े!

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Jewellery not Confiscated at Airport

Jewellery not Confiscated at Airport: अब एयरपोर्ट पर ज्वेलरी जब्त नहीं होगी, कस्टम डिपार्टमेंट को कोर्ट का आदेश! 

New Delhi : आप विदेश यात्रा से लौटते समय अपने साथ पुराने और निजी आभूषण लेकर आ रहे हैं, तो कस्टम विभाग अब आपको बेवजह परेशान नहीं करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कस्टम अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि सफर के समय यात्री द्वारा पहने जाने वाले आभूषण सहित यात्रियों के पुराने और निजी आभूषण को हवाई अड्डों पर अनावश्यक रूप से जब्त नहीं किया जाए और उन्हें प्रताड़ित भी नहीं किया जाए।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ को सीमा शुल्क विभाग ने सूचित किया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श किया जा रहा है। सामान नियम में संशोधन के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है। इसके बाद, पीठ ने यह निर्देश पारित किया। अदालत 30 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीमा शुल्क विभाग द्वारा भारत आने वाले देश के नागरिकों और विदेशी मूल के पर्यटकों के सामान को जब्त करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे।

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भारत आने वाले यात्रियों को परेशानी न हो

पीठ ने कहा कि चूंकि सीबीआईसी और सीमा शुल्क विभाग अब सामान नियमों में संशोधन करने और इन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए और समय का अनुरोध कर रहे हैं, इसलिए सीमा शुल्क विभाग अपने सभी अधिकारियों को इस स्थिति से अवगत कराए। पीठ ने कहा कि सीमा शुल्क अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यहां तक कि भारतीय यात्रियों के पुराने आभूषण, यात्रा के दौरान उनके द्वारा पहने जाने वाले निजी आभूषण या इस्तेमाल आभूषणों को भी अनावश्यक रूप से जब्त न किया जाए।

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ताकि, यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत आने वाले यात्रियों को कोई परेशानी न हो। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक नियमों में संशोधन नहीं होता, तब तक यात्रियों की ज्वेलरी जब्त करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया जाए। साथ ही, अधिकारियों द्वारा यात्रियों के बयान दर्ज करने के लिए एक मानकीकृत प्रारूप (Standard Form) अपनाने पर भी विचार करने को कहा।

नियम को सरल बनाने की जरूरत

याचिकाओं में, अदालत ने पाया कि विदेशों से वापस आने वाले विभिन्न यात्रियों, पर्यटकों और भारतीय नागरिकों को रोका जा रहा है और उनके पहने हुए आभूषणों सहित विभिन्न वस्तुओं को जब्त किया जा रहा है। पीठ ने 27 मार्च के अपने आदेश में कहा कि एसओपी में वे सभी मुद्दे शामिल होने चाहिए, जिन्हें अदालत ने उठाया है। पीठ ने कहा कि जब्त लिए गए सामान के मूल्यांकन और निपटान की प्रक्रियाओं को भी सरल बनाने और उन पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

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