Jhabua Chopal ! जैन संतों की “सेवा” की आड में “बेनामी संपत्ति” का खेल!
जिलें में भूमाफिया का एक वर्ग बडे स्तर पर काली कमाई को सफेद करनें का काम कर रहा है! धार्मिक संतों की सुविधा के नाम पर गरीब आदिवासियों की करोडो की जमीन कोडियों के दाम पर बेनामी संपत्ति के रूप में क्रय कर रहे है! ऐसे ही एक मामलें में नगर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी और दूसरें उनके साथी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को ग्रामीणों ने भूमाफिया कहते हुए विवादित जमीन से खदेड दिया! आक्रोशित ग्रामीणों के तीखे सवालों का जवाब दोनो व्यापारी नहीं दे पाए! विवाद के दौरान दोनो व्यवसायी ग्रामीणों से बचने के लिए मोबाईल में व्यस्त रहे! जिस जमीन को लेकर विवाद हुआ है उसे जैन समाज के संतों के ठहरनें का “विहार धाम” बताया जा रहा है, जब की वहां एक बडे व्यावसायिक कार्य किए जाने की तैयारी की खबर है!
प्रत्याशियों को दो बार आवंटित किए चुनाव चिन्ह!
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों को अधिकारियों की गलती के कारण एक बार चुनाव चिन्ह आवंटित करने के बाद दूसरी बार बुलवाकर फिर से चुनाव चिन्ह दिए गए! इसके लिए प्रत्याशियों को कलेक्टोरेट कार्यालय बुलाया गया! निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पहली बार प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करनें के बाद अपनी गलती का अहसास हुआ! उसके बाद एक-एक प्रत्याशी को फोन लगाकर बुलवाया गया जिन्हें गलत चुनाव चिन्ह दे दिए गए थे, उन्हें पुनः सही चुनाव चिन्ह दिए गए! प्रशासन की इस गलती से प्रत्याशियों को तो परेशानी हुई, साथ ही निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में प्रशासन की गंभीरता की पोल भी खुल गई!
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सप्लायरों के “नायक” प्रशासन के खलनायक!
कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया के गृहग्राम मोरडुंडिया में आदर्श एकलव्य उमावि के प्रभारी प्राचार्य हमेशा से ही सुर्खियों में रहे है! जिसकी वजह उन व्यापारियों से उनकी नजदीकियां है, जो सरकारी संस्थाओं में सामग्री सप्लाय करते है! संस्था में खरीदी जाने वाली सामग्रियों के व्यापारियों से इनका गहरा नाता है! जिस सप्लायर के सिर पर वो हाथ रख देते है उसकी तो चांदी हो जाती है! शहर के सप्लायरों से इनकी घनिष्टता इतनी है कि व्यापारियों की महफिल इनके बंगले पर देर रात तक जमीं रहती है!
हम “हारे” तो विधानसभा में इनको भी “निपटा देंगे”!
कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया और उनके पुत्र प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया की सहमति से पंचायत चुनाव में जिला और जनपद के लिए बनाए गए उम्मीदवारों और उनके समर्थकों में टिकट मिलनें पर तो खुशी है लेकिन, बागी उम्मीदवारों को नाम वापसी मेें दोनो नेताओं कि भूमिका को लेकर भी सभी कांग्रेसी आक्रोशित है!
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जिला पंचायत सदस्य के लिए कांग्रेस ने जिसें पार्टी प्रत्याशी बनाया है वो जन समर्थन जुटाने के साथ ही बागी उम्मीदवारों से दो-दो हाथ कर रहा है! कांग्रेस समर्थित एक प्रत्याशी के करीबी का कहना है कि अगर हमें पराजय का मुंह देखना पडा तो विधानसभा चुनाव में कांतिलाल और विक्रांत की राह भी आसान नहीं होगी!